मुंबई: अगर कुछ कर गुजरने का जज्‍बा हो तो हम वो सारी सफलताएं हास‍िल कर सकते हैं। जो हम चाहते हैं। महाराष्‍ट्र में किसान की पत्नी ने अपने सपने को हकीकत में बदलने के ल‍िए यही क‍िया। सोलापुर के किसान की पत्नी क्रांति पवार जाधव ने एमपीएससी परीक्षा पास की और पुलिस सब इंस्पेक्टर (PSI) पद हास‍िल किया। वह अब तक पुलिस फोर्स में कांस्टेबल थी। पढ़ाई के लिए वह गार्ड ड्यूटी में चली गईं। लगातार पढ़ाई और लगन से उन्होंने यह सफलता हासिल की है।

महाराष्‍ट्र में एमपीएससी का र‍िजल्‍ट हाल ही में आया है। महाराष्‍ट्र के मंगलवेढ़ा पुलिस स्टेशन में पोस्‍टेड क्रांति पवार जाधव ने पुलिस कांस्टेबल की ज‍िम्‍मेदारी संभालते हुए पुलिस सब इंस्पेक्टर का पद हास‍िल किया है। उन्‍होंने लड़कियों में प्रदेश में 28वीं रैंक हासिल की है। दिलचस्प बात यह है कि क्रांति पवार के पति एक किसान हैं और किसान पति ने समय-समय पर अपनी पुलिस पत्नी को मजबूत समर्थन दिया है।

क्रांति पवार जाधव ने बतया कि किसान पति के परिवार ने भी काफी सहयोग किया। नौकरी करते हुए पढ़ाई करके पुलिस सब इंस्पेक्टर का पद पाना कठिन था। लेकिन उन्‍होंने जिद और लगातार पढ़ाई करते हुए अपने सपने को सच क‍िया है।

क्रांति पवार जाधव ने अपनी सफलता का राज बताया। पढ़ाई के लिए खूब मेहनत और लगन की। मोहोल तालुका के कुरुल कामती गांव के किसान किसनदेव जाधव खेती करते हैं। पत्नी क्रांति पवार जाधव सोलापुर ग्रामीण पुलिस फोर्स में महिला पुलिस कांस्टेबल थीं। उनके पति, जो एक किसान हैं, ने उन पर एमपीएससी की पढ़ाई करने का दबाव डाला। इसके लिए प्रोत्साहित भी किया। इसके अलावा सास, मां-बहन, भाई ने भी सहयोग किया। चिंता इसलिए थी क्योंकि लड़का छोटा था। लेकिन पवार ने यह भी कहा कि वह अपनी पढ़ाई पर ध्यान इसलिए दे पाईं क्योंकि उनका परिवार उनका बहुत अच्छे से ख्याल रखता था।

क्रांति पवार जाधव ने अपने किसान पति के समर्थन के कारण एमपीएससी राज्य सेवा प्री-परीक्षा पास की। प्री परीक्षा पास करने के बाद मुख्य परीक्षा आयोजित की गई और परिणाम अभी भी लंबित है। पीएसआई के नतीजे आने के बाद सास-ससुर और पति की खुशी आसमान छू रही है। सामान्य परिवार, पति, छोटे बेटे, बुजुर्ग सास-ससुर की जिम्मेदारी के बावजूद सोलापुर में क्रांति पवार की सफलता की हर स्तर पर सराहना हो रही है।

सोलापुर ग्रामीण पुलिस फोर्स मुख्यालय में तैनात क्रांति पवार जाधव को मंगलवेधा पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर कर दिया गया। थाना मिलने के बाद काम का दायरा बहुत बड़ा हो गया। पढ़ाई के लिए समय नहीं था। इसके लिए क्रांति पवार ने मंगलवेढ़ा पुलिस स्टेशन की ड्यूटी बदलकर गार्ड ड्यूटी करने को कहा था। इसके चलते 24 घंटे की ड्यूटी के बाद 24 घंटे की छुट्टी मिलेगी। खाली समय में वह पढ़ाई कर रही थी। उन्होंने नए अभ्यर्थियों को यह भी संदेश दिया है कि यदि उन्हें समय की प्‍लान‍िंग, अभ्‍यास, रिवीजन और उचित मार्गदर्शन मिले तो उन्हें सफलता अवश्य मिलेगी।