फिरोजाबाद| उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में एसआई की उसके साथी धीरज ने ही गोली मारकर हत्या कर दी। दोरगा ने इसे घर का कामकाज करने के लिए तीन महीने पहला ही रखा था। घटना के समय वह दरोगा के साथ एक विवेचना पर गया था। वहां से दोंनो साथ लौट रहे थे। रास्ते में सुनसान जगह देखकर उसने वारदात को अंजाम दिया।
पुलिस पूछताछ में आरोपी ने पैसों के लिए हत्या करने की बात कुबूली है। आरोपी धीरज ने बताया कि एसआई दिनेश कुमार मिश्रा ने उसे दस हजार महीने के वेतन पर रखा था। पहले महीने का वेतन तो दे दिया था। लेकिन, दूसरे का महीने के वेतन नहीं दिया। मुझे पैसों की जरूरत थी। इससे मैं परेशान था।
मामला अरांव थाने का है। यहां तैनात एसआई दिनेश कुमार मिश्रा को नजदीक से गोली मारी गई। उनकी गर्दन पर छर्रे लगने के निशान भी मिले हैं। वह जानकार के साथ बाइक से लौटकर आ रहे थे। उनकी सरकारी पिस्टल सुरक्षित मिली है। इस हत्याकांड के खुलासे के लिए पुलिस ने घटनास्थल पर जाकर चार बार क्राइम सीन दोहराया। जिस तरह धीरज ने बताया था कि बदमाश इस तरह से आए और यहां से निकल गए। उसी तरह पुलिस ने कुछ रूपांतरण किया।
इस मौके पर आईजी दीपक कुमार खुद मौजूद रहे। आईजी के सामने क्राइम सीन की पोल खुल गई। क्राइम सीन जिस धीरज के बयानों पर चल रहा था उसमें कहीं न कहीं हर बार झोल मिला। पुलिस की जांच में पता चला कि धीरज के पिता पुलिस में थे। वह मूल रूप से शिकोहाबाद नगला केवल का रहने वाला है। वह पिछले काफी समय से पुलिस कर्मियों के काम में टाइपिंग आदि के कार्य में लगा रहता है।
पुलिस जांच में सामने आया है कि धीरज की शादी आठ साल पहले हुई थी। उसकी बेटी होने के 2.5 साल बाद ही पत्नी भी धीरज को उसकी छोड़ दिया। इसके कारण वह मानसिक रूप से बीमार भी रहता था। वह शराब का भी लती हो गया था। रोजाना शराब का सेवन भी करता था। शराब के नशे में कहीं उसने कोई गलत कदम दरोगा के साथ नहीं उठा दिया हो।
मृतक दरोगा के छोटे भाई योगेश मिश्रा ने बताया कि उनके बड़े भाई जिले में तीन साल पहले आए थे। 26 महीने तक जिले में हेड मोहर्रिर रहे। सात महीने पहले ही हेड मोहर्रिर से प्रमोशन पाकर दरोगा बने थे। उन्होंने बताया कि उनके परिवार में चार बच्चे हैं। बड़ी बेटी भी पुलिस में सिपाही है। दूसरे नंबर का बेटा मोहित यूपीएससी की तैयारी कर रहा है। तीसरे नंबर की बेटी नर्सिंग की पढ़ाई कर चुकी है।