नई दिल्ली. भारत में ट्रेन यातायात का एक प्रमुख और पसंदीदा साधन है. भारतीय रेलवे करीब 13,000 ट्रेनों का संचालन करता है. ऑस्ट्रेलिया की आबादी के बराबर लोग रोजाना भारतीय ट्रेनों में सफर करते हैं. रेल में सफर कर रहे लोग अपने साथ सामान भी लेकर चलते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि आप ट्रेन के डिब्बे में अपने साथ जो मर्जी आए, वो सामान नहीं ले जा सकते. इसलिए अगर आप भी रेल यात्रा पर जाते समय यदि बिना सोचे समझे सामान पैक करते हैं तो मुश्किल में पड़ सकते हैं. दरअसल, रेलवे ने बहुत सी ऐसी चीजों को ट्रेन में ले जाना प्रतिबंधित कर रखा है जिनसे रेल यात्रियों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है. अगर कोई यात्री ट्रेन में प्रतिबंधित वस्तुओं के साथ यात्रा करते पकड़ा जाता है, तो उसे जुर्माना या जेल हो सकती है.
दरअसल, भारतीय रेलवे ने ट्रेन और यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही कुछ चीजों को ट्रेन में ले जाना प्रतिबंधित किया है. ये ऐसी वस्तुएं हैं, जिनसे ट्रेन में आग लगने, ट्रेन के गंदा होने, यात्रियों को असुविधा होने और ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा रहता है. इन वस्तुओं को न तो यात्री कोच में अपने साथ ले जा सकते हैं औ न ही लगेज वैन में इनको रखा जा सकता है.
रेल यात्रा के दौरान स्टोव, गैस सिलेंडर, किसी तरह का ज्वलनशील कैमिकल, पटाखे, तेजाब, बदबुदार वस्तुएं, चमड़ा या गीली खाल, पैकेजों में लाए जाने तेल, ग्रीस, ऐसी वस्तुएं जिनके टूटने या टपकने से वस्तुओं या यात्रियों को क्षति पहुंच सकती है, साथ ले जाने की मनाही है. रेलवे के नियमों के अनुसार 20 किलोग्राम तक घी यात्री रेल में ले जा सकते हैं, लेकिन घी टीन के डिब्बे में अच्छी तरह से पैक होना चाहिए.
रेल यात्रा के दौरान प्रतिबंधित वस्तुएं ले जाना अपराध है. यदि कोई यात्री प्रतिबंधित वस्तुओं में कोई भी वस्तु यात्रा के दौरान साथ लेकर चलता है तो उस पर रेलवे एक्ट की धारा 164 के तहत कार्रवाई की जा सकती है. इस धारा के तहत यात्री पर 1000 रुपये का जुर्माना या तीन साल की सजा या दोनों की सजा सुनाई जा सकती है.