मथुरा: ब्रज में जन्माष्टमी के उत्सव की तैयारियां अब लगभग पूरी हो चुकी हैं और अब बस एक चीज का इंतजार है – अजन्मे के जन्म का. जन्माष्टमी के मौके पर लोग अपने घरों के लिए लड्डू गोपाल और राधा कृष्ण की मूर्तियों की खरीदारी कर रहे हैं, जो ब्रज की दुकानों से उपलब्ध हैं. लेकिन कर्नाटक के बैंगलोर में रहने वाले एक व्यक्ति ने राधा-कृष्ण की मूर्ति बनाने का यह कदम उठाया है कि इसे उठाने के लिए क्रेन की मदद लेनी पड़ी.
रघु कर्नाटक के बैंगलोर में डायरेक्टर के पद पर सरकारी नौकरी करते हैं और भगवान कृष्ण में बड़ी आस्था रखते हैं. उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले तक वे भगवान में आस्था नहीं रखते थे, लेकिन जब उनकी बेटी हॉस्टल में रहने लगी, तो वहां उसे एसे लोग मिले जो रोज़ भजन सुनते और गीता का पाठ करते थे, जिससे उनकी बेटी की आस्था भगवान में बढ़ने लगी.
इसका असर उनके घर पर भी दिखाई दिया, और इसके साथ ही रघु भी कृष्ण के भक्त बन गए और इस्कॉन से जुड़ने लगे. उन्होंने आगे बताया कि यह उनकी बेटी की इच्छा थी कि भगवान कृष्ण उनके घर में बड़े रूप में दर्शन देंगे, और अपनी बेटी की इच्छा पूरी करने के लिए उन्होंने वृंदावन से क़रीब साढ़े आठ फीट लंबी और 500 किलो से भी ज़्यादा वज़नी राधा और कृष्ण की मूर्तियों को बनाई.
साथ ही, उन्होंने बताया कि वे जल्द ही अपने शहर में एक आश्रम और मंदिर भी बनाने का प्लान हैं, और जन्माष्टमी के दिन भगवान का जन्मोत्सव घर में पूजा और अभिषेक के साथ ग़रीब लोगों के साथ भोजन बांटने की योजना है.
वही इस मूर्ति को बनाने वाले वृंदावन के अजय ने बताया कि इस मूर्ति को बनाने में क़रीब 6 महीने का समय लगा. रघु ने सोशल मीडिया के माध्यम से उनसे संपर्क किया. साथ ही उन्होंने बताया कि ब्रज में पहली बार इतनी बड़ी मूर्ति बनाई गई है जिसे ट्रक में चढ़ाने के लिए भी क्रेन की मदद लेनी पड़ी, जिसमें मुख्य रूप से पीतल और ताँबे का इस्तेमाल किया गया है, और राधा कृष्ण की इन दोनों मूर्तियों को बनाने की लागत 10 लाख रुपये से भी अधिक है.