भारतीय संस्कृति में जन्माष्टमी का त्योहार बहुत ही खास समझा जाता है। प्राचीन काल से ही भगवान श्री कृष्ण को समर्पित ये दिन जन्माष्टमी के रूप में सेलिब्रेट होता है। इस साल पूरे देश में 6 सितंबर को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। त्योहार पर कई भक्त भगवान श्री कृष्ण के मंदिर में दर्शन करने के लिए आते हैं। मथुरा, वृंदावन और जगन्नाथ मंदिर में लाखों भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
लेकिन दक्षिण भारत में ही एक ऐसा अनोखा मंदिर है, जिसकी अपनी रहस्यमयी कहानी है। ऐसा कहा जाता है कि मंदिर में स्थित भगवान श्री कृष्ण की मूर्ती दुबली होती जा रही है। चलिए आपको इस मंदिर के बारे में बताते हैं।
कहते हैं कि तिरुवरप्पु श्रीकृष्ण मंदिर केवल दो मिनट के लिए ही बंद किया जाता है। मंदिर के कपाट 24 घंटे में केवल दो मिनट के लिए ही बंद होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि मंदिर का ताला खोलने में दो मिनट का भी अधिक समय लगता है। अगर ताला नहीं खुलता तो उसे तोड़ दिया जाता है, जिससे कि भगवान के भोग में देरी ना हो।
प्राचीन मान्यता के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण को भूख काफी लगती है, ऐसा माना जाता है कि समय पर भोग ना लगने पर, उनकी भूख और भी ज्यादा बढ़ जाती है और इस तरह उनकी मूर्ती दुबली होती चली जाती है। कई लोगों का ये भी मानना है कि श्री कृष्ण की मूर्ती के भूख लगने का कारण दिन में कम से कम 10 बार भोग लगाना है। जिस वजह से उनकी भूख बढ़ रही है।