मऊ| घोसी उपचुनाव के परिणाम से उत्तर प्रदेश की सियासी जमीन के ताप की आजमाइश हो गई। घोसी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के सुधाकर सिंह ने भाजपा उम्मीदवार दारा सिंह चौहान को बड़े अंतर से हराया। इस चुनाव पर पूरे देश की नजर थी। घोसी के सियासी रण में साइकिल ने ऐसी रफ्तार पकड़ी कि भाजपा चारों खाने चित्त हो गई। सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह ने भाजपा के दारा सिंह को 42759 वोटों से हराया है। 2022 विधानसभा चुनाव में सपा से चुनाव लड़ रहे दारा सिंह ने 22000 वोटों से जीत दर्ज की थी।

यह सीट दारा सिंह चौहान के इस्तीफे देने के कारण खाली हुई थी। इस उपचुनाव में वैसे तो मुकाबला भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच था, लेकिन प्रतिष्ठा एनडीए और इंडिया गठबंधन की दांव पर लगी थी। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बने इंडिया गठबंधन की सियासी पकड़ का भी यह नतीजा माना जा रहा है।

सपा प्रत्याशी की इस विशाल जीत से विपक्षी दलों का गठबंधन ‘इंडिया’ चहक उठा। विपक्ष के नेताओं ने कहा कि इंडिया गठबंधन को जनता स्वीकार किया है। कहा कि घोसी उपचुनाव के नतीजे लोकसभा चुनाव 2024 में दिखेगा।

घोसी विधानसभा के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि किसी प्रत्याशी ने 42 हजार के अधिक अंतर से जीत दर्ज की हो। उपचुनाव में सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह ने अब तक की सबसे बड़ी जीत हासिल की। बीते वर्ष विधानसभा चुनाव में एक लाख 8 हजार 430 वोट पाने वाले दारा सिंह चौहान इस बार 81668 पर सिमट कर रह गए है। जबकि सुधाकर ने 124427 मत पाकर 42 हजार 759 वोट से सबसे बड़ी जीत हासिल की। इससे पहले बड़ी जीत का रिकार्ड वर्तमान सदर विधायक अब्बास अंसारी का है, जिन्होंने 38116 मतों से भाजपा प्रत्याशी को हराया था। सबसे बड़ी बात यह रही कि 10वें चरण की मतगणना के बाद समाजवादी ने जो बढ़त बनाई वो 32वें राउंड तक बरकरार रहा।

घोसी उपचुनाव में जीत को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि ये झूठे प्रचार और जुमला जीवियों की पराजय है। ये दलबदल-घरबदल की सियासत करने वालों की हार है। उन्होंने कहा कि ये नतीजा भाजपा का अहंकार और घमंड को चकनाचूर करने वाला है। ये एक ऐसा चुनाव है, जिसमें जीते तो एक विधायक हैं। पर हारे कई दलों के भावी मंत्री हैं। इंडिया टीम है और पीडीए रणनीति। जीत का हमारा ये नया फॉर्मूला सफल साबित हुआ है। घोसी की जनता को धन्यवाद। सुधाकर सिंह को जीत की बधाई।

एक साल पहले यानी 2022 के विधानसभा के चुनाव में सपा से एक लाख से अधिक वोट पाने वाले दारा सिंह चौहान की एक तरफा हार जिले ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। जानकारों के अनुसार लोगों का स्थानीय प्रत्याशी को लेकर भी झुकाव सपा प्रत्याशी के जीत का बड़ा कारण बना।

ल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओं का झूम कर मतदान करना सपा प्रत्याशी के लिए एक कारण रहा। जनपद के साथ घोसी क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी दारासिंह चौहान के 20वर्ष के राजनीतिक सफर में आमजनता के साथ कार्यकर्ताओं से संवादहीनता भी बड़ा कारण रहा। इसी के चलते स्थानीय बनाम बाहरी का जनताके बीच जमकर मुद्दा रहा।