लखीमपुर खीरी| लखीमपुर खीरी के मैगलगंज में अलग-अलग तरह के पत्थरों को जमा करने के शौकीन धर्माखेड़ा निवासी मुकेश के हाथ दो खास तरह के पत्थर लगे हैं। एक पत्थर को अगर गर्म किया जाए तो चुंबक चिपकने लगता है। वहीं दूसरे पत्थर पर टार्च की सफेद रोशनी डाली जाए तो वह रंग बदलता है और अंगारे की तरह दिखता है। मुकेश के यह दोनों पत्थर कस्बे में चर्चा के विषय हैं।

पत्थर का नाम क्या है, कौन सी धातु है, मुकेश को यह नहीं पता लेकिन इन पत्थरों को देखने वाले जरूर उनके घर पहुंच रहे हैं। मुकेश करीब 10 वर्षों से पत्थरों को जमा करने का काम कर रहे हैं। वह गोमती किनारे और अन्य स्थानों से अलग-अलग रंग और आकार के पत्थर घर लाते हैं। जमा किए हुए दो पत्थर ऐसे हैं, जिनकी कस्बे व पड़ोसी गांवों में चर्चा हो रही है।

मुकेश के पास करीब 800 आठ सौ ग्राम वजनी पत्थर है। यह पत्थर दिखने में तो साधारण लगता है। गर्म करने पर इसकी खूबी पता चलती है। गर्म करते ही पत्थर चुंबक को पकड़ने लगता है। ऐसा क्यों होता है इसका जवाब मुकेश के पास नहीं है। उसने कई लोगों को यह पत्थर दिखाया, लेकिन कोई इसकी वजह नहीं बता सका।

दूसरे पत्थर का वजन करीब आठ किलो है। इस पत्थर की खूबी यह है कि अगर पत्थर से सटाकर टार्च की रोशनी लगाई जाती है, तो पत्थर दहकते अंगारे की तरह नजर आता है। इस पत्थर का रंग दूधिया है। टार्च की रोशनी में इसका रंग लाल और सुनहरा हो जाता है। इस पत्थर को देखने अब तक कई लोग पहुंच चुके हैं। मुकेश का कहना है कि यह पत्थर उन्हें गोमती नदी के किनारे पर मिला था। घर लाए तो इसकी खूबी का पता चला।