महीनों तक बचने के बाद गिरफ्तार हुआ कथित ‘गोरक्षक’ मोनू मानेसर राजस्थान पुलिस की गिरफ्त में है। पुलिस नासिर-जुनैद की हत्या से जुड़े आरोपों को लेकर उससे पूछताछ कर रही है। इस साल फरवरी में राजस्थान के भरतपुर के दो मुस्लिम पशु व्यापारियों नासिर और जुनैद को अगवा करने के बाद हरियाणा के भिवानी में मार दिया गया था। इसके बाद उनके शवों को जला दिया गया था।
एक पुलिस अधिकारी ने पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि दो दिन की पूछताछ के दौरान मोनून मानेसर ने कबूल किया है कि वह नासिर-जुनैद की हत्या में शामिल आरोपी रिंकू से संपर्क में था। नासिर और जुनैद को अगवा किए जाने पहले दोनों की फोन पर बात हुई थी। अधिकारी ने कहा कि मोनू मानेसर अपराध में शामिल था, लेकिन अभी इस बात की जांच की जा रही है कि वह मास्टरमाइंड था या नहीं।
दीग के एसपी बृजेश ज्योति उपाध्याय ने पीटीआई से कहा, ‘मोनू मानेसर का दो दिन का रिमांड गुरुवार को खत्म होगा। उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। यदि आगे पूछताछ की जरूरत है तो उसकी रिमांड कोर्ट से मांगी जाएगी।’ मोनू मानेसर पर नासिर और जुनैद की हत्या के अलावा हरियाणा के नूंह में हिंसा भड़काने का आरोप है। उसे गुरुवार को हरियाणा पुलिस ने गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था। नूंह कोर्ट में पेश किए जाने के बाद उसे राजस्थान पुलिस के हवाले कर दिया गया था। मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर को इसके बाद भरतपुर लाकर कोर्ट में पेश किया गया था, जिसने उसे दो दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा था।
फरवरी में पुलिस ने नासिर-जुनैद की हत्या के बाद मोनू मानेसर का नाम एफआईआर में शामिल किया था। दीग (पहले भरतपुर) के घाटमिका गांव से दोनों को अगवा कर लिया गया था। कथित तौर पर गोरक्षकों ने अगवा करके उन्हें मार डाला और गाड़ी में डालकर जला दिया। राजस्थान पुलिस के डीजीपी ने पिछले महीने कहा था कि मोनू मानेसर का सीधा हाथ तो अब तक नहीं मिला है, लेकिन उसकी भूमिका की जांच की जा रही है।