मिर्जापुर: “17 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी का जन्मदिन मनाया जाता है. इस अवसर पर कई संकल्प लिए जा रहे हैं, जिसमें से एक अंगदान का भी है. यह जानकारी मुझे समाचार के माध्यम से मिली थी, जिसके बाद मैं और मेरी पत्नी ने देहदान का फैसला किया और आज मेडिकल कॉलेज को देहदान का पत्र सौंप दिया.” यह कहना है 72 वर्षीय अमरनाथ गुप्ता का, जिन्होंने देहदान करने का फैसला लिया है, ताकि वह मरने के बाद जनकल्याण के काम आ सकें.

समाज में रक्तदान, अंगदान और देहदान श्रेष्ठदान समझे जाते हैं. ऐसे अनेक लोग हैं जो इस तरह के निर्णय लेकर समाज के सामने आदर्श स्थापित करते हैं और दूसरे लोगों को प्रेरणा देते हैं. इसी तरह मिर्जापुर के अमरनाथ गुप्ता भी देहदान का फैसला कर दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए हैं. खास बात यह है कि उनकी पत्नी ने भी पति के साथ संकल्प किया है. अमरनाथ गुप्ता विंध्याचल के अटल चौराहा (पहले अमरावती चौराहा) के रहने वाले हैं मेडिकल कॉलेज को देहदान करने का.