लखनऊ. हापुड़ में हुए लाठीचार्ज के विरोध में न्यायिक कार्य से लगातार विरत चल रहे अधिवक्ताओं को सुरक्षा देने के लिए योगी सरकार ने नई पहल की है. योगी सरकार वकीलों के लिए एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल लाने जा रही है. इसके लिए शासन की तरफ से तीन सदस्यीय समिति का गठन भी कर दिया गया है. एडीजी अभियोजन और यूपी काउंसिल प्रयागराज की ओर से नामित एक प्रतिनिधि इसमें सदस्य होंगे. यह समिति एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल के विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श करेगी और फिर अपना सुझाव या सिफारिश राज्य विधि आयोग को भेजेगी.

दरअसल, हापुड़ में हुए लाठीचार्ज के बाद से ही वकीलों की डिमांड थी कि उनकी सुरक्षा के लिए एक कानून बने. जिस पर योगी सरकार ने एक कमेटी गठित कर यूपी एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल को लेकर सुझाव मांगे हैं. इस कमेटी का गठन प्रमुख सचिव विधायी की अध्यक्षता में किया गया है. यह कमेटी बिल के विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श कर अपनी रिपोर्ट राज्य विधि आयोग को देगी.

गौरतलब है कि 29 अगस्त को हापुड़ में वकीलों पर हुए लाठीचार्ज के बाद अधिवक्ताओं ने एडवोकेट प्रोटेक्शन कानून को लागू करने की मांग तेज कर दी. प्रदेश के सभी जिलों में वकीलों ने हड़ताल किया. हालांकि लखनऊ में वकील अभी भी हड़ताल पर हैं. जिसके बाद मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा की अध्यक्षता में 14 सितंबर को हुई बैठक में एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल की मांग जोरशोर से उठी थी. जिसके बाद शाशन की तरफ से बिल लाने की पहल की गई है.