शारदीय नवरात्र पूरे देश में धूमधाम से मनायी जाती है। इस शारदीय नवरात्रों में मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी। नवरात्रि की शुरूआत जिस दिन से होती है उस दिन के आधार पर उनकी सवारी तय होती है। इस साल नवरात्रि की शुरूआत रविवार 15 अक्तूबर से हो रही है। हाथी को ज्ञान और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में मां दुर्गा इस बार ढेर सारी खुशियां और सुख समृद्धि लेकर आ रही हैं।

अगले नौ दिनों तक मां दुर्गा की नौ रुपों में पूजा की जाएगी। वसंत की शुरूआत और शरद ऋतु की शुरुआत, जलवायु और सूरज के प्रभावों का महत्वपूर्ण संगम माना जाता है। यह समय मां दुर्गा की पूजा के लिए पवित्र अवसर माना जाता है। नवरात्रि के पहले तीन दिन देवी दुर्गा की स्तुति को समर्पित हैं। यह पूजा मां दुर्गा ऊर्जा व शक्ति के लिए की जाती है। प्रत्येक दिन दुर्गा के अलग-अलग रुपों को समर्पित है। ज्योतिषाचार्य डॉ.सुशांतराज के अनुसार, नवरात्रि के सातवें दिन कला और ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा होती है, आठवें दिन यज्ञ होता है। नवें दिन को महानवमी कहा जाता है। इस दिन कन्या पूजना होता है।

नवरात्रि में घटस्थापना का बड़ा महत्व है। कलश में हल्दी की गांठ, सुपारी, दुर्वा, पांच प्रकार के पत्तों से कलश को सजाया जाता है। कलश के नीचे बालू की वेदी बनाकर जौ बोए जाते हैं। इसके साथ ही दुर्गा सप्तशती व दुर्गा चालीसा का पाठ किया जाता है।

पूजा शुभ मुहुर्त