सितंबर बीतने के साथ ही यूपी से मानसून की विदाई होनी शुरू हो जाएगी। देश के कुछ हिस्सों से पहले ही मानसून लौटने की शुरुआत हो चुकी है। दक्षिण पश्चिम मानसून की विदाई के अनुकूल
- परिस्थितियां बनने लगी हैं। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि पश्चिमी राजस्थान से मानसून ने लौटना शुरू कर दिया है।
जहां तक उत्तर प्रदेश की बात है तो आंचलिक मौसम विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह व मो. दानिश के मुताबिक यहां भी शुरुआत पश्चिम उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों से होगी। एक-दो दिन में मानसून विदाई लेने लगेगा। अगले दो-तीन दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम और निकटवर्ती पश्चिम मध्य भारत के कुछ और हिस्सों में परिस्थितियां अनुकूल होने लगी हैं।
वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश में अभी एक-दो अक्तूबर तक फुहारें पड़ने के आसार हैं। पूर्वी इलाकों में बंगाल की खाड़ी से आ रही पुरवा हवाओं का असर अभी बरकरार है। इस कारण वातावरण में नमी बनी हुई है। हालांकि अब तेज और भारी बारिश की संभावनाएं कम ही बची हैं।
मानसून को राजधानी की मेहमाननवाजी इतनी पसंद आई है कि जाते-जाते एक हफ्ते और यहां डेरा डालने के आसार बढ़ गए हैं। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह कहते हैं कि बुधवार को चक्रवातीय दबाव के कारण कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है। इसके कारण परिस्थितियां बारिश के अनुकूल हो रही हैं। इस कारण मानसून राजधानी में एक सप्ताह ज्यादा ठहर सकता है। 30 सितंबर की रात से दो अक्तूबर तक बारिश के आसार बन रहे हैं।
बुधवार को दोपहर में लखनऊ में अचानक हुई बारिश से मौसम में नरमाहट आई। हालांकि ये बारिश कुछ ही इलाकों में हुई। हजरतगंज में ही कुछ दूर पर बरसात हुई तो बाकी जगह सूखा रहा। अतुल कुमार सिंह कहते हैं कि धूप के कारण वायुमंडल में स्थानीय अस्थिरता पैदा होती है, इसके कारण कुछ जगहों पर छिटपुट बारिश देखी गई।