मेरठ| लोकसभा चुनाव 2024 का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, पश्चिमी यूपी में टोपी, तिलक और चोटी को मुद्दा बनाकर तूल देने का प्रयास किया जा रहा है। समाज में हो रही मामूली घटनाओं को धार्मिक और राजनीतिक रंग देने का प्रयास कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश जारी है। इससे जाहिर होता है कि असामाजिक तत्वों के मंसूबे चुनाव से पहले इन घटनाओं को मुद्दा बनाकर मंच देने और फिजा बिगाड़ने के हैं।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब स्कूल कॉलेजों में हो रही मामूली घटनाओं को भी राजनीतिक रंग देने का प्रयास किया गया। इन्हें सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल किया गया ताकि नकारात्मक महौल बनाया जा सके। स्कूल कॉलेजों में कुछ ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जो सही तो नहीं हैं लेकिन इन्हें तूल देकर बड़ा मुद्दा बना दिया जाता है। हालांकि समाज के जागरुक तबके और अमनपसंद लोगों ने इन घटनाओं पर विवाद होने से बचा लिए और सांप्रदायिक सौहार्द बरकरार रखे हुए हैं।

थप्पड़ कांड पर महीने भर चला आरोप प्रत्यारोप का दौर मुजफ्फरनगर के मंसूरपुर थानाक्षेत्र में थप्पड़ कांड पर राजनीति गरमाने की खूब कोशिशें की गईं। यहां खुब्बापुर गांव के स्कूल में शिक्षिका तृप्ता त्यागी ने पांच का पहाड़ा नहीं सुनाने पर को अल्पसंख्यक समुदाय के यूकेजी के छात्र की सहपाठियों से बेरहमी से पिटाई करा दी थी। इसी दौरान जातीय टिप्पणी का भी आरोप लगा।

प्रकरण के दौरान पीड़ित छात्र के चचेरे भाई ने वीडियो बना ली। वीडियो के वायरल होते ही देशभर से प्रतिक्रियाएं आने लगीं और शिक्षिका की गिरफ्तार की मांग उठने लगी। आरोपी शिक्षिका पर केस दर्ज किया जा चुका है। हालांकि बाद में शिक्षिका ने गलती स्वीकार की और पीड़ित व थप्पड़ मारने वाले बच्चों को भी गले मिलवाया गया।

इस मामले पर आम लोगों के साथ साथ कई बड़े नेताओं ने भी टिप्पणी कर सोशल मीडिया के जरिए इसे मुद्दा बनाने का और राजनीतिक रंग देने का प्रयास किया। हालांकि क्षेत्रीय जनता, नेता और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से क्षेत्र में अमन चैन बरकरार रहा और मामला ठंडा पड़ गया।

मुजफ्फरनगर में स्कूल में शिक्षिका द्वारा बच्चे को पिटवाने का मामला अभी शांत हुआ ही था कि मेरठ से सटे सरधना में एक स्कूल में शिक्षक पर बच्चे की चोटी काटने का आरोप लगाया गया। मामले की जानकारी हिंदू संगठनों तक पहुंची तो रोष फैल गया।

क्षेत्र के सलावा इंटर कॉलिज में छात्र की चोटी काटने का आरोप लगा तो प्रधानाचार्य ने माहौल न बिगड़े इसीलिए पहले ही माफी मांग ली। सलावा इंटर कॉलिज के प्रधानाचार्य ओमपाल का कहना है। उनके ऊपर छात्र की चोटी काटने के आरोप सरासर झूठे हैं लेकिन विद्यालय का माहौल खराब न हो इसलिए माफी मांगकर मामले का निस्तारण किया है, ताकि हंगामे के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो।

सलावा कॉलिज प्रधानाचार्य पर गांव सलावा निवासी छात्र ने आरोप लगाते हुए बताया कि वह सलावा इंटर कालेज में कक्षा सात का छात्र है। एक दिन उसे सुबह प्रार्थना से प्रधानाचार्य ने बुलाया। आरोप है कि प्रधानाचार्य ओमपाल ने चोटी काटकर तिलक मिटा दिया। वहीं मामले में थाना प्रभारी निरीक्षक रमाकांत पचौरी ने बताया कि जांच में छात्र की चोटी काटने का मामला नहीं आया है। कुछ लोगों ने इसे मुद्दा बनाने का प्रयास किया है। इस तरह के मामले को तूल देने वालों की जांच की जा रही है।

मेरठ के एनएएस कॉलेज में टोपी लगाकर गए युवक की चार-पांच छात्रों ने पिटाई कर दी। युवक बहन के साथ फीस जमा करने गया था। हालांकि युवक की तहरीर पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार छात्रों को नामजद करते हुए 10 अन्य अज्ञात के खिलाफ सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज की।

फुटेज के आधार पर साहिल ने मोहित डागर, विशाल डागर, अतुल ठाकुर, सागर और 10 अज्ञात युवकों के खिलाफ सिविल लाइन थाने में तहरीर दी। सिविल लाइन थाना प्रभारी समर प्रताप सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। वहीं, इस मामले में एनएएस कॉलेज के प्राचार्य प्रो. मनोज अग्रवाल का कहना है कि मारपीट करने वाले छात्रों को कॉलेज से निलंबित किया जाएगा। उधर, पूरी घटना का वीडियो वायरल हुआ तो मामला तूल पकड़ गया। हालांकि इस पर लोग प्रतिक्रिया देने से बचते नजर आए और मामला ठंडा पड़ गया।

मेरठ में कैंट क्षेत्र स्थित एक प्रतिष्ठित गर्ल्स स्कूल में स्पोर्ट्स कोच द्वारा सातवीं की छात्रा से छेड़छाड़ कर दी। मामला दो संप्रदाय से जुड़ा होने के कारण कई दिन हंगामा चला। हालांकि इस मामले पर स्कूल ने तुरंत ही कार्रवाई की और कोच और उसके पिता दोनों को निलंबित करते हुए पूरे मामले में जांच कमेटी गठित कर दी।

आरोप है कि स्कूल के बास्केटबॉल स्पोर्ट्स कोच ने कक्षा सात की एक छात्रा के साथ छेड़छाड़ कर दी। छात्रा ने घर पहुंच कर परिजनों को मामले की जानकारी दी। जिसके बाद परिवार के लोग अगले दिन घटना की शिकायत करने स्कूल में पहुंचे। आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने परिजनों की बात नहीं सुनी। इसके बाद परिजनों ने मामले की शिकायत पुलिस से करने की बात कही थी।

पूरे प्रकरण का मैसेज सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो हिंदू संगठन के लोग सोफिया के बाहर धरना देकर बैठ गए और हंगाम किया। मामाला तूल पकड़ता इससे पहले ही स्कूल प्रबंधन ने कोच और स्कूल में पीटीआई टीचर उसके पिता दोनों को निलंबित कर दिया। पुलिस भी इस मामले की जांच पड़ताल में जुटी है।