देवरिया में दो भाइयों में विवाद हुआ। एक भाई ने दूसरे भाई सत्यप्रकाश दुबे का घर और साथ हमेशा के लिए छोड़ दिया। वह गांव में ही दूसरी बिरादरी के प्रेम यादव के घर में रहने लगा। लगातार रहते हुए उसने अपने हिस्से की 9 बीघे जमीन प्रेम यादव के नाम कर दी। यह बात सत्य प्रकाश को बुरी लगी। विवाद हुआ लेकिन पंचायत से मामला शांत हो गया। अचानक 2 अक्टूबर की सुबह प्रेम यादव की हत्या कर दी जाती है। इससे उसके परिजन-रिश्तेदार उग्र हो गए।

परिजन लाश के पास पहुंचे। गला कटी और सिर कूंची लाश उसी सत्य प्रकाश के घर के सामने मिली। उग्र परिजनों ने दरवाजा तोड़ दिया। मारना शुरू किया। पहले सत्य प्रकाश दुबे और उसकी पत्नी को मारा। फिर उसकी 18 साल की बेटी, 15 साल के बेटे, 10 साल की बेटी की निर्मम हत्या कर दी। 8 साल के बेटे को भी लगभग मार ही दिया था लेकिन उसकी सांस चलती रही।

इस हत्याकांड की वजह बनी दिमाग पर चढ़ी खूनी सनक। जिसने मासूम बच्चों का गला रेतने में भी तरस नहीं दिखाया। इस पूरे हत्याकांड को कवर करने भास्कर की टीम गांव पहुंची। हर वजह को खंगाला। उन लोगों से बात की जिन्होंने गोलियों की आवाज तो सुनी पर मौके पर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए।