बहराइच। कैसरगंज कोतवाली क्षेत्र के गांव नंदौलिया में बुधवार की शाम तीन सगे भाई-बहन तालाब में डूबकर मर गए। घटना उस समय हुई जब सबसे बड़ा भाई तालाब में मछली मार रहा था और फिसलकर तालाब में गिर गया। भाई को डूबता देखकर बचाने पहुंचे तीन अन्य भाई-बहन अनियंत्रित होकर फिसल गए और तालाब में समा गए। हालांकि जिस भाई को बचाने के लिए सभी गए थे, वह बच गया। यह घटना मां के सामने हुई। वह हाथ-पैर मारती रही लेकिन बच्चों को नहीं बचा सकी।
नंदौलिया गांव के रहने वाले आरिफ पेशे से ड्राइवर हैं और वह काम पर निकले हुए थे। पत्नी शायरा बानो अपनी दुधमुही बच्ची मैशरून (सात माह) को गोद में लेकर खेत में बकरी चरा रही थी। उसके साथ चार वर्षीय बेटी कैशरून और तीन वर्षीय बेटा मो. फैज भी मौजूद था। वहीं थोड़ी दूर पर स्थित तालाब में सबसे बड़ा सात वर्षीय बेटा मो. कैफ मछली का शिकार कर रहा था।
ग्रामीणों के मुताबिक मो. कैफ का मछली का शिकार करते समय पैर फिसल गया और वह पानी में डूबते हुए बचाओ-बचाओ चिल्लाने लगा। मां शायरा बानो ने जब अपने बड़े बेटे को डूबते हुए देखा तो वह अपनी दुधमुंही बच्ची मैशरून को गोद में लेकर ही तालाब की तरफ दौड़ पड़ी। मां को दौड़ते देख कैशरून और मो. फैज भी दौड़ा। इस दौरान मो. कैफ को बचाने में दुधमुही बच्ची मैशरून, मो. फैज और कैशरून तालाब में डूब गए। मां शायरा बानो अपने बच्चों को बचाने के लिए हाथ-पैर मारती रही, लेकिन वह बचा नहीं सकी।
आश्चर्य की बात यह है कि जिस मो. कैफ को बचाने के लिए मां अपने बच्चों के साथ दौड़ी थी, उनमें से मां को छोड़कर कोई नहीं बच सका। सूचना मिलते ही गांव में कोहराम मच गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने तालाब में उतराते हुए शवों को बाहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
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