नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर के मौसम में इन दिनों बदलाव जारी है। तापमान में अंतर के साथ अब सुबह और शाम के समय हल्की सर्दी दस्तक महसूस हो रही है। इस कड़ी में हवा में हल्का सर्द अहसास बना हुआ है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि इस सप्ताह के अंत तक दिन के तापमान में भी कमी आएगी और दिन में भी हल्की सर्दी का अहसास होगा। 

मौसम विभाग के मुताबिक, बृहस्पतिवार को अधिकतम तापामान सामान्य के बराबर 32.4 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान सामान्य से दो कम 16 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हवा में नमी का स्तर 31 से 92 फीसदी रहा। दिनभर हल्की धूप खिली रही और मौसम सुहाना रहा। हालांकि, सुबह और शाम के समय हल्की सर्द हवाएं महसूस की गई। 

विभाग का पूर्वानुमान है कि अगले 24 घंटे में अधिकतम तापमान 31 व न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया जा सकता है। आगामी 23 व 24 अक्तूबर को दिल्ली में हल्की बारिश की संभावना बनी हुई है। इसके बाद मौसम फिर करवट लेगा और सर्दी बढ़ेगी। सप्ताह के अंत तक अधिकतम तापमान 29 व न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया जा सकता है। 

दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता में इन दिनों उतार-चढ़ाव बना हुआ है। एक दिन पहले खराब श्रेणी में दर्ज हुई दिल्ली की हवा में 22 अंकों की गिरावट हुई है और हवा औसत श्रेणी में दर्ज हुई है। बृहस्पतिवार को एक्यूआई का आंकड़ा 199 दर्ज किया गया, जबकि बुधवार को औसतन वायु गुणवत्ता सूचकांक 221 रिकॉर्ड हुआ था। सफर का पूर्वानुमान है कि अगले दो दिनों में पराली का धुआं और स्थानीय स्तर पर उड़ने वाली धूल के कारण हवा में पीएम 2.5 व पीएम 10 के स्तर में इजाफा होगा। इससे दिल्ली का दम और घुंटेगा व हवा खराब श्रेणी में दर्ज होगी।

बीते दो दिनों से दिल्ली में बारिश न होने से हवा में नमी का स्तर कम हो गया है। यही वजह है कि जहां स्थानीय स्तर पर धूल के कण पीएम 10 हवा में घुल रहे हैं। वहीं, पराली जलने की भी घटनाएं लगातार दर्ज की जा रही हैं। बीते 24 घंटे में पड़ोसी राज्यों में 1234 पराली जलने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। इससे निकलने वाले पीएम 2.5 तत्व की प्रदूषण में 15 फीसदी दर्ज की गई है। साथ ही हवा की दिशा का साथ देने की वजह से पराली का धुआं दिल्ली की हवा को प्रदूषित कर रहा है। सफर के मुताबिक, उत्तर-पश्चिम दिशा से आने वाली धूल भरी हवाओं के कारण दिल्ली में पीएम 10 का स्तर भी बढ़ रहा है। आने वाले दो दिनों में दिल्ली की हवा खराब श्रेणी में बनी रहेगी।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, बृहस्पतिवार को औसतन वायु गुणवत्ता सूचकांक 199 रहा। फरीदाबाद का 203, गाजियाबाद का 262, ग्रेटर नोएडा 220, गुरुग्राम 215 व नोएडा का 209 एक्यूआई रहा। सोमवार को अधिक बारिश होने की वजह से इस साल पहली बार दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 46 दर्ज किया गया था, जोकि साफ श्रेणी में माना जाता है।

राजधानी में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए शुक्रवार को जिलाधाकिरयों और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की संयुक्त बैठक होगी। इसमें दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए अहम निर्णय लिया जाएगा। इसके आधार पर अगली कार्ययोजना तैयार होगी और बड़े स्तर पर ‘रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ’ अभियान को लागू किया जाएगा। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए हर उपाय अपनाए जाएंगे। गंभीर परिस्थितियों में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के तहत भी कदम उठाए जाएंगे।

बृहस्पतिवार को पर्यावरण मंत्री ने विधायकों के साथ चंदगी राम अखाड़े पर ‘रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ’ अभियान चलाया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि दिल्ली के पार्षद 25 अक्तूबर से बाराखंभा रोड पर यह अभियान चलाएंगे। इसके तहत वाहन चालकों से रेड लाइट पर गाड़ी का इंजन बंद रखने की अपील की जाएगी। गोपाल राय ने कहा कि बारिश होने से प्रदूषण का स्तर कम हुआ था। क्योंकि, पड़ोसी राज्यों में पराली जलना बंद हो गई थी। अब धूप निकलने से पराली जलने की घटनाएं बढ़ेंगी। इसका असर राजधानी पर भी पड़ेगा। 

सरकार की कोशिश है कि दिल्ली में उत्पन्न होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए लोगों को जागरूक किया जाए। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में यह जनभागीदारी अभियान चल रहा है।

गोपाल राय ने कहा कि अभियान में आप पार्टी के विधायकों के अलावा दूसरी पार्टियों के विधायक नहीं आए हैं, जबकि सभी को सूचना दी गई थी। उन्होंने बताया कि दिल्ली के सभी जिला अधिकारियों और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के साथ शुक्रवार को संयुक्त बैठक होगी। इस मुहिम मोहल्ला स्तर तक ले जाया जाएगा। 
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि पराली के प्रदूषण को ग्रेप लागू करके कम नहीं किया जा सकता है। इसके निदान को लेकर केंद्र और पड़ोसी राज्य सरकार से भी बात की थी, इसमें लापरवाही हुई है। यदि जिम्मेदारी के साथ धान के अवशेषों पर बायो डी-कंपोजर का छिड़काव किया जाता तो किसान पराली नहीं जलाते।

मंत्री के मुताबिक, धूल विरोधी अभियान के तहत 7 अक्तूबर से काम किया जा रहा है। केंद्र सरकार से अपील है कि वह राज्यों से बात कर तुरंत पराली को जलाने से रोके। यदि ऐसा नहीं होता है तो पराली की वजह से दिल्ली को प्रदूषण का सामना करना पड़ेगा।