अयोध्या। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में उमा भारती और साध्वी ऋतंभरा गले मिली तो फफक कर रो पड़ी। यह दोनों श्री राम मंदिर आंदोलन के दौरान फायर ब्रांड चेहरा रही है। राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर वह भावुक दिखी।

अस्सी के दशक में श्रीराम मंदिर आंदोलन के दौरान साध्वी ऋतंभरा और उमा भारती अगली पंक्ति में थी। साध्वी ऋतंभरा के भाषण का कैसेट उन दिनों गांव-गांव खूब सुना जाता था। आंदोलन के प्रति उत्साह भरने में इस कैसेट को प्रयोग किया जाता। साध्वी उमा भारती आंदोलन का नेतृत्व करने वालों में थी। उन्होंने राम रोटी यात्रा निकाली थी।

सोमवार को साध्वी ऋतंभरा उमा भारती से गले मिली तो फफक कर रो पड़ी। वह बहुत भावुक दिखी। शायद आंदोलन के बाद के सुखद अहसास ने उन्हें भावुक कर दिया। उमा भारती उनके आंसू पोंछती दिखी।

राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद कार्यक्रम में आए सेलिब्रेटी को देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। फिल्मी सितारों को देखने के लिए खासतौर से भीड़ का दबाव रहा। इसी दौरान एक सेलिब्रेटी लोगों से घिर भी गए। सुरक्षाकर्मियों ने भीड़ को इधर-उधर किया। श्री राम मंदिर के आसपास बाहर से आए काफी संख्या में लोग आसपास थे। समारोह में तीन प्रमुख मार्गों का प्रयोग खासतौर से किया गया। बताया गया है कि पीएम मोदी के लिए एक मार्ग को सुरक्षित रखा गया था। वह इसी मार्ग से समारोह में शामिल होने के लिए अंदर गए। उसी मार्ग से वापस लौटे। इसे 11 नंबर गेट बताया गया। इसके अलावा दो अन्य प्रमुख मार्गों का प्रयोग किया गया।

एक वीआईपी मार्ग क्षीरेश्वर नाथ मंदिर के सामने का और दूसरा राम जन्मभूमि पथ। पीएम के जाने के बाद सुरक्षा घेरा थोड़ा हल्का हुआ तो बाहर के लोग आगे बढ़ गए। जन्मभूमि पथ से बाहर आते बाबा राम देव ने हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया तो लोग करीब आ गए। भीड़ बढ़ गई। इस दौरान दक्षिण की फिल्मों के एक कलाकार लोगों से घिर गए। धक्का-मुक्की की नौबत बन गई लेकिन इसके बाद लोगों को रोकने के लिए रस्सी की इस्तेमाल किया गया।

क्षीरेश्वरनाथ मंदिर पर आने वाले वीआईपी मार्ग से भी विशिष्टजनों को निकाला गया। सेलिब्रेटी के इधर से निकाले जाने की जानकारी पर इधर भी सड़क किनारे लोगों की भीड़ लग गई। महानायक अमिताभ बच्चन, सचिन तेंदुलकर सहित अन्य सेलिब्रेटी को इधर से ही निकाला गया। इन मार्गों के आसपास जमा लोगों को कई बार पुलिस ने इधर-उधर किया लेकिन सेलिब्रेटी को एक बार देखने के लिए लोग फिर एकत्र हो जाते थे।