अयोध्या : लोकसभा में पटखनी खाने के बाद भाजपा मिल्कीपुर सीट से अयोध्या में वापस लौटी। आगे पढ़ें और जानें बढ़त लेने की सात बड़ी वजह…
वोटों की गिनती के पैटर्न के अनुसार भाजपा यहां बड़ी जीत दर्ज करने जा रही है। इस बड़ी जीत की ये सात अहम वजहें हो सकती हैं।
जून में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को फैजाबाद सीट पर हार का सामना करना पड़ा था। यह वही सीट थी जहां अयोध्या में राम मंदिर बनाया गया है। वहां से भाजपा का हारना एक बड़ी राजनीतिक घटना साबित हुई। इस जीत के बाद भाजपा ने सबक लिया। राम मंदिर दर्शन करने की लगाई गई कई पांबंदियों को हटाने के साथ-साथ लोकल स्तर पर नाराजगी दूर करने की कोशिश की गई।
मिल्कीपुर सीट पर चुनाव की घोषणा होने से पहले ही सीएम योगी ने यहां अधिक सक्रियता दिखाई। वह लगातार अयोध्या का दौरा करते रहे। इस बीच सीएम कई बार मिल्कीपुर भी पहुंचे। सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की शुरुआत की। सीएम ने जनता के बीच यह स्पष्ट संदेश देने की कोशिश कि, उनकी निजी दिलचस्पी इस सीट पर है। सीएम ने उसे अपनी प्रतिष्ठा की सीट बना ली। लोकसभा चुनाव के बाद सीएम यहां सात बार आएं।
इस एकमात्र सीट पर छह मंत्रियों को प्रभार दिया गया। इस पूरी सीट को क्षेत्रवार अलग-अलग हिस्सों में बांटकर काम सौंपे गए। प्रभारी ने लोकल स्तर के नेताओं के साथ मिलकर रणनीति बनाई। मंत्रियों के साथ-साथ 40 विधायकों को इस सीट का जिम्मा सौंपा गया। उन्होंने जाति से लेकर हर सामाजिक स्तर पर काम किया।
भाजपा ने इस चुनाव में बूथ मैनेजमेंट पर जमकर फोकस किया। कहां से कितने वोट उसे पिछले चुनाव में कम मिले थे, इसका विधिवत होमवर्क करके चुनाव को जीतने की कोशिश की। प्रभारी मंत्री और विधायकों ने इस बूथ लेवल पर ऑर्ब्जव किया।
लोकसभा चुनाव के उलट इस चुनाव में संविधान बचाने या आरक्षण खत्म होने के मुद्दे गायब दिखे। चुनाव प्रचार के दौरान सपा के द्वारा संविधान या पीडीए की बात जरूर की गई, लेकिन चुनावी फिजा में उसकी मौजूदगी दर्ज नहीं हो सकी।
लोकसभा चुनाव में एक नारा काफी मशहूर हुआ था। ‘न अयोध्या… न काशी, अबकी बार अवधेश पासी’। पासी और दलित वोटों की एकजुटता में इस नारे ने अहम भूमिका निभाई। इस बार भाजपा की तरफ से भी पासी उम्मीदवार का चयन किया। एक ही जाति के दोनों उम्मीदवार होने से पासी वाली फैक्टर इस चुनाव से गायब दिखा।
भाजपा ने यह चुनाव आक्रामक तरीके से लड़ा। सीएम लगातार यहां दौरे करते रहे। अपने अयोध्या के दौरों में भी सीएम ने मिल्कीपुर का उल्लेख किया।