मेरठ। जिले में करोड़ों रुपये के रजिस्ट्री घोटाले का खुलासा हुआ है। एक मामला सामने आने के बाद कराई गई पिछले एक साल की रजिस्ट्री की पड़ताल में 100 से ज्यादा फर्जी स्टांप मिले हैं। इन स्टांप में ट्रेजरी की फर्जी मुहर और गलत सीरियल नंबर जारी किए गए हैं। जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी गई है।
डीएम ने फर्जीवाड़ा करने वाले संगठित गिरोह का पर्दाफाश करने की बात कही है। खुलासे के बाद घोटाले की आंच से बचने के लिए ट्रेजरी और रजिस्ट्री विभाग के अधिकारी एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे हैं। इसके अलावा सितंबर 2023 में फर्जी स्टांप के दोनों मुकदमों की आख्या शासन स्तर से मांगी गई है। अधिकारियों के मुताबिक, मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित किए जाने की संभावना है।
वहीं, सितंबर 2023 में गाजियाबाद के स्टांप पर मेरठ ट्रेजरी की फर्जी मुहर और गलत सीरियल नंबर जारी करने का मामला सामने आया था। मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद स्टांप आयुक्त ने पांच हजार से ऊपर के स्टांप में फर्जीवाड़ा किए जाने का हवाला देकर पिछले तीन साल की रजिस्ट्री की पड़ताल के निर्देश दिए थे।
जिलाधिकारी दीपक मीणा के निर्देशानुसार, सहायक आयुक्त स्टांप ज्ञानेंद्र कुमार ने छह रजिस्ट्रार से जांच रिपोर्ट मांगी थी। एक साल की रजिस्ट्री की जांच में 100 से अधिक स्टांप फर्जी मिले हैं। ज्यादातर मामले 25 हजार के स्टांप में के हैं। अभी पिछले दो और सालों की रजिस्ट्री की जांच जारी है। ऐसे में करोड़ों रुपये के राजस्व के नुकसान का अनुमान है।