लखनऊ। पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों से बेहाल जनता को थोड़ी राहत मिल सकती है। योगी सरकार ने इस पर विचार-विमर्श करने के लिए गुरुवार शाम को बैठक बुलाई है। बताया जा रहा है कि प्रदेश सरकार अपने स्तर पर कीमतें कम कर सकती है।
इसके पहले, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खाने-पीने की बढ़ती कीमतों को देखते हुए काला बाजारी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी ने टीम 9 के साथ बैठक में गुरुवार को भी कहा कि हाल के दिनों में सब्जी, खाद्य तेल, दाल आदि के मूल्य में अनापेक्षित बढ़ोतरी देखी जा रही है।
जमाखोरी व कालाबाजारी इसका एक बड़ा कारक है। सघन अभियान चलाकर ऐसे लोगों को चिन्हित कर कठोरतम कार्रवाई की जाए। इसके अलावा, आमजन को राहत पहुंचाने के लिए अन्य उपायों पर भी गम्भीरता से विचार किया जाए।
प्रदेश सरकार पेट्रोल-डीजल की दरों में कमी करने के लिए वैट कम करने पर विचार कर रही है। लखनऊ शहर में ही पेट्रोल के दाम 104 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा हो गए हैं। पेट्रोल-डीजल का दाम बढ़ने से सब कुछ महंगा हो गया है। किचन का बजट बिगड़ गया है। सब्जियों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि लोगों की जेब ढीली कर रही है। टमाटर 50 रुपये किलोग्राम बिक रहा है तो लहसुन सौ रुपये के पार हो गया है।
पेट्रो पदार्थों की कीमतों की वृद्धि का असर आम आदमी की रसोई तक देखा जा रहा है। डीजल व पेट्रोल महंगे होने से सब्जियों का ट्रांसपोर्ट खर्च भी महंगा हो गया है। अब पेट्रोल-डीजल के दाम व महंगाई राजनीतिक मुद्दा भी बनने लगा है। चुनाव होने के कारण योगी सरकार इसे लेकर सचेत हो गई है। बुधवार को मऊ में हुई रैली में सपा नेता अखिलेश यादव ने महंगाई को लेकर योगी व मोदी सरकार पर निशाना साधा था। ऐसे में कहा जा रहा है कि सरकार जनता को कुछ राहत दे सकती है।