बीजिंग । चीन के एक सीनियर कम्यनिस्ट नेता मा शिनग्रुई ने कहा है कि देश में अब मुस्लिमों का चीनीकरण अनिवार्य हो गया है। मुसलमानों के खिलाफ पहले से ही अत्याचार और मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों में घिरे चीन ने एक और खतरनाक प्लान तैयार कर लिया है। चीन की सरकार सख्ती से मुसलमानों का चीनीकरण करने जा रही है।
शिनजियांग में मुसलमान बहुल इलाकों में चीन अभियान चलाएगा। अभी 6 महीने पहले ही राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी शिनजियांग पहुंचे थे और उन्होंने अधिकारियों से कहा था कि इस्लाम का सिनिसिजेशन शुरू किया जाए। इसका मतलब है कि वहां रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाय को चीनी सभ्यता, संस्कृति और कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति वफादार बनाने का काम शुरू किया जाए। जाहिर तौर पर यह काम बिना अत्याचार के नहीं किया जाएगा। ऐसे में जानकारों का कहना है कि चीन का यह नया प्लान बेहद खतरनाक है और चीन के अल्पसंख्यकों पर खतरा मंडरा रहा है।
चीन के सालाना संसदीय सत्र के दौरान मा ने यह बयान दिया। वह गुआंगदोंग प्रांत के गवर्नर भी रह चुके हैं। बता दें कि हा के सालों में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग कई बार इस्लाम, बौद्ध और ईसाइयों के सिनिसिजेशन की बात कर चुके हैं। उनका कहना है कि लोगों को केवल कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति वफादार रहना चाहिए। इसके अलावा चीन की सरकार ने उत्तरपश्चिम के प्रांतों में एक साल तक इस्लाम के खिलाफ अभियान चलाया। आतंकवाद को खत्म करने के नाम पर यह अभियान चलाया जा रहा था। हालांकि इसका उद्देश्य उइगर मुसलमानों पर जुल्म ढाना और फिर उन्हें धर्मपरिवर्तन पर विवश करना था।
साल 2022 में यूएन की एजेंसी ने कहा था कि चीन में मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन हो रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चीन की खूब आलोचना हुई। बावजूद इसके चीन में क्षेत्रीय अधिकारी सांस्कृतिक नरसंहार और बंधुआ मजदूरी करवाने से बाज नहीं आए। रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया था कि शिजियांग में सबसे ज्यादा सोलर सेल का उत्पादन होता है। इन फैक्ट्रियों में मुसलमानों से जबरन काम लिया जाता है। दुनियाभर में इस बात का विरोध हुआ था।
नवंबर 2023 की रिपोर्ट में कहा गया था कि चीन अपने कई प्रांतों में मस्जिदों को बंद करवा रहा है और मुसलमानों के चीनीकरण के लिए हर प्रयास कर रहा है। लोगों को नमाज पढ़ने तक से रोक दिया गया है। सार्वजनिक दस्तावेजों, सैटलाइट इमेज और गवाहों के जरिए इस बात के सबूत भी दिए गए थे।