बदायूं। बदायूं के सराफा व्यापारी से ठगी करने वाले युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसने लड़की की आवाज में खुद को एसपी बताया और पुलिस को झांसे में लेकर व्यापारी से रुपये ट्रांसफर करा लिए थे। आरोपी नौवीं पास है। अब तक कई व्यापारियों से ठगी कर चुका है।
महिला एसपी बनकर बदायूं के सराफ को ठगने वाले 19 साल के युवक को पुलिस ने जबलपुर से दबोच लिया है। पुलिस का कहना है कि आरोपी युवक आसानी से लड़की की आवाज में बात कर सकता है। गूगल मैप के जरिए सारी जानकारी जुटाकर आरोपी ने सराफ और पुलिस को अपने झांसे में ले लिया था।
युवक का नाम संकेत यादव है। वह मध्य प्रदेश में जबलपुर जिले के थाना पाटन क्षेत्र के थापक वार्ड पाटन का रहने वाला है। वह नौवीं पास है। पुलिस के मुताबिक वह साइबर ठगी करने में माहिर है। यह कभी एक स्थान पर नहीं रुकता। यह हर समय सफर करते हुए या फिर अलग-अलग स्थानों पर जाकर साइबर ठगी की घटनाओं को अंजाम देता है। वर्ष 2016 में यह एक चोरी के मामले में जेल गया था।
वर्ष 2021 में स्थानीय पुलिस ने इसे तमंचे के साथ पकड़ा था। जब जमानत पर छूटकर आया तो साइबर ठगी करना शुरू कर दी। एक साल पहले जबलपुर की पाटन थाना पुलिस ने ठगी करने के आरोप में इसे पकड़ा था। तब यह ठिकाने बदलकर रह रहा था। यह अपने माता-पिता का इकलौता बेटा है। जब इसने साइबर ठगी करना शुरू की है। तब से अपने घर भी नहीं जा रहा।
एसपी सिटी अमित किशोर श्रीवास्तव ने बताया कि संकेत लड़कियों की आवाज निकालने में माहिर है। आरोपी गूगल के माध्यम से सराफा व्यापारियों और मोबाइल विक्रेताओं के नंबर तलाश करता है। इसी तरह थाना प्रभारियों के मोबाइल नंबर प्राप्त कर लेता है। लड़की की आवाज में बात करते हुए खुद को एसपी बताकर व्यापारियों पर चोरी का माल खरीदने का आरोप लगाता है। यह भी कहता है कि उसकी पुलिस ने चोरी का माल बेचने वाली महिला को गिरफ्तार कर लिया है। माल रिकवरी के लिए उन्हें और संबंधित थाना प्रभारियों को कॉल करता है। इसी तरह वह अब तक कई जिलों के 20 व्यापारियों और मोबाइल विक्रेताओं को निशाना बना चुका है।
साइबर ठग संकेत यादव अपने पास दो मोबाइल रखता है। एक मोबाइल केवल ठगी करने में प्रयोग करता है। दूसरा मोबाइल साधारण बातचीत के लिए रखता है। एक बार ठगने के बाद फिर मोबाइल चार-पांच दिन के लिए बंद कर लेता है। अक्सर ऐसी घटनाओं में पुलिस आरोपियों को पकड़ने की कोशिश नहीं करती लेकिन उझानी पुलिस और एसओजी की कई टीमें बनाकर इसके पीछे लगाई गईं। पुलिस इसकी तलाश में कई दिन तक जबलपुर में डेरा जमाए रही। इसकी लोकेशन अलग-अलग स्थानों पर मिल रही थी। जैसे-जैसे लोकेशन बदल रहा था। वैसे-वैसे टीमें विभाजित होती गईं और आखिरकार उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
पिछले माह 28 फरवरी को संकेत यादव ने लड़की की आवाज निकालकर उझानी कस्बे के दीपक ज्वैलर्स के मालिक आलोक अग्रवाल को ग्वालियर की एसपी आराध्या चौहान बनकर कॉल की थी। उसने कहा था कि यहां एक रूपा नाम की महिला पकड़ी गई है। उसने चोरी के जेवर आपकी दुकान पर बेचे थे। या तो वह जेवर वापस कर दो या फिर उसकी कीमत के रुपये ट्रांसफर कर दो। इसके बाद उसने सीओ को कॉल की थी।
सीओ ने मामला उझानी इंस्पेक्टर को बता दिया था। उस दिन इंस्पेक्टर मनोज कुमार सिंह अवकाश पर थे। इससे उन्होंने एसएसआई को बता दिया था लेकिन एसएसआई ने बिना छानबीन किए सराफा व्यापारी को पकड़ लिया। उन्हें थाने ले गए। कार्रवाई के डर से व्यापारी ने हरियाणा निवासी अपने फुफेरे भाई राहुल के खाते में रुपये ट्रांसफर कर दिए।