मेरठ। में बंदरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। रविवार शाम शास्त्रीनगर एल ब्लॉक में छत से कपड़े उतारने गई महिला पर बंदरों ने हमला कर दिया। जान बचाने के लिए महिला बेटे को लेकर छत से कूद गई। दोनों के पैरों में गंभीर चोटें आई हैं। डाक्टरों ने सोमवार को एक्स-रे कराने की सलाह दी है। घटना को लेकर लोगों में गुस्सा है।

साधना कौशिक ने बताया कि वह बेटे नैतिक को लेकर छत से कपड़े उतारने गई थी। तभी बंदरों का झुंड आ गया। बंदरों को देख मां-बेटे छत पर एक ओर खड़े हो गए। तभी एक बंदर उनकी तरफ लपका। बंदर का हमला करते देख उनकी चीख निकल गई। बेटा भी चिल्लाने लगा। बंदरों को अपनी ओर आता देख वह बेटे के साथ छत से कूद गईं, जिससे उनके पैरों में चोट है। शोर सुनकर लोग एकत्र हो गए और बंदरों को भगाया। उन्हें चिकित्सक के पास ले जाया गया, जहां उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया।

बंदर खूंखार, लोगों पर कर रहे वार
शहर में बंदर खूंखार हो रहे हैं। कुछ इलाकों में तो महिला, पुरुष व बच्चों ने मकानों की छतों पर जाना बंद कर दिया है। कारण है कि छत पर पहुंचते ही बंदर वार कर रहे हैं। बंदरों को पकड़ने की मांग को लेकर निगम के अधिकारियों से कई बार गुहार लगाई गई, लेकिन समस्या का स्थायी समाधान नहीं किया गया।

पूर्व पार्षद विजय आनंद अग्रवाल का कहना है कि शहर में बंदरों का कुनबा बढ़ता जा रहा है। अधिकतर इलाकों में बच्चों का छत पर घूमना, पतंग उड़ाना और महिलाओं को कपड़े सुखाना दूभर हो गया है। खूंखार बंदर महिला और बच्चों पर वार कर रहे हैं। कई लोग छतों से गिरकर घायल हो चुके हैं। बंदरों को पकड़कर बाहर भेजने की मांग अधिकारियों से कई बार की जा चुकी है, लेकिन लोगों का कहना है कि कोई सुनने को तैयार नहीं है। निगम को बंदरों को पकड़ने का अभियान चलाना चाहिए। साथ ही इनकी नसबंदी कराने का काम करें। पार्षद अनुज वशिष्ठ ने भी नगरायुक्त को पत्र लिखकर बंदरों को पकड़वाने की मांग की है। इस संबंध में नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गजेंद्र सिंह का कहना है कि बंदरों को पकड़ने के लिए वन विभाग का सहयोग लिया जाता है।