लखनऊ। उत्तर प्रदेश में वर्ष 2019 में छह मुस्लिम सांसद जीते थे, लेकिन इस बार पांच मुस्लिम प्रत्याशियों को ही विजय मिली। सपा ने चार मुस्लिम प्रत्याशी उतारे थे और इनमें से चारों जीत गए। जबकि, कांग्रेस के दो मुस्लिम प्रत्याशियों में से एक ही जीता।

सपा के टिकट पर कैराना से इकरा चौधरी, रामपुर से मोहिबुल्लाह, संभल से जियाउर्रहमान और गाजीपुर से अफजाल अंसारी जीत गए। कांग्रेस ने सहारनपुर से इमरान मसूद और अमरोहा से कुंवर दानिश अली को उतारा था, लेकिन कुंवर दानिश अली भाजपा प्रत्याशी से हार गए।

इनके अलावा, लोकसभा चुनाव में यूपी में अपनी किस्मत आजमा रहे कई केंद्रीय मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, संजीव बालियान, अजय मिश्रा टेनी, महेंद्र नाथ पांडेय, साध्वी निरंजन ज्योति, कौशल किशोर, भानु प्रताप वर्मा को शिकस्त का सामना करना पड़ा है।

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, अनुप्रिया पटेल, पंकज चौधरी, एसपी सिंह बघेल को जीत हासिल हुई है। राज्य सरकार के जिन चार मंत्रियों को चुनाव मैदान में उतारा गया था, उनमें से जयवीर सिंह मैनपुरी से, दिनेश प्रताप सिंह रायबरेली से चुनाव हार गए हैं। वहीं योगी सरकार में लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद पीलीभीत से और राजस्व राज्य मंत्री अनूप वाल्मीकि हाथरस से चुनाव जीत गए हैं। कई अन्य चर्चित चेहरों की बात करें तो भाजपा के डॉ. महेश शर्मा गौतमबुद्धनगर से, अरुण गोविल मेरठ से, हेमा मालिनी मथुरा से चुनाव जीते हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह एटा से चुनाव हार गए हैं। इसी तरह पूर्व केंद्रीय मंत्री रामशंकर कठेरिया इटावा से चुनाव हार गए। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के बेटे साकेत मिश्रा श्रावस्ती से चुनाव हार गए हैं। तृणमूल कांग्रेस के एकमात्र प्रत्याशी ललितेश पति त्रिपाठी भदोही से चुनाव हार गए हैं।