पश्चिम बंगाल। भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय इन दिनों कोलकाता के वकील के खिलाफ हमलावर हैं। इस बीच उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस उन्हें पश्चिम बंगाल के बाहर करने का प्रयास कर रही है। उनकी योजना सफल नहीं होने वाली है। बता दें, एक दिन पहले ही मालवीय ने वकील शांतनु सिन्हा के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराने की बात कही थी।

मालवीय ने एक्स पर एक पोस्ट किया। इसमें उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी को संदेशखाली के दाग को मिटाने के लिए मेरे ऊपर कीचड़ उछालने के बजाए दूसरे वैध तरीके खोजने चाहिए। मुझे बंगाल से बाहर करने के उनके सारे पैंतरे काम नहीं आने वाले हैं। उन्होंने कहा कि मैं यहां से तब तक नहीं जाऊंगा, जब तक बंगाल भाजपा संदेशखाली की महिलाओं को न्याय नहीं दिला देती है। मैं तब तक बाहर नहीं जाऊंगा, जब तक भाजपा टीएमसी को सत्ता से बाहर नहीं कर देती। मालवीय वकील और हिंदू संहित नेता सिन्हा के आरोपों का जिक्र कर रहे थे।

बता दें, मालवीय ने सिन्हा के खिलाफ झूठे और अपमानजनक बयान देने के लिए पहले ही कानूनी नोटिस भेजा है। उन्होंने उनसे माफी की मांग की है। मालवीय के वकील ने कहा कि सिन्हा ने सोशल मीडिया पर मालवीय की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के इरादे से झूठे और अपमानजनक आरोप लगाए हैं। सिन्हा ने इस पर कहा था कि वह कानूनी लड़ाई के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वह पोस्ट वापस नहीं लेंगे।

संघ कार्यकर्ता शांतनु सिन्हा ने हाल ही में सोशल मीडिया पर बांग्ला में एक पोस्ट किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस पोस्ट में शांतनु सिन्हा ने कथित तौर पर लिखा कि ‘क्या अमित मालवीय अभी भी कोलकाता के फाइव स्टार होटल में इंतजार कर रहे हैं कि कब बंगाल नेतृत्व सुंदर लड़कियों की आपूर्ति करेगा? शांतनु ने लिखा कि ‘अब बंगाल नेतृत्व के बीच यह प्रतियोगिता बंद होनी चाहिए कि कौन कितनी सुंदर लड़कियों की आपूर्ति करके अध्यक्ष पद हासिल करेगा।’ शांतनु ने आरोप लगाया कि ‘भाजपा की आइटी सेल के प्रमुख ने पांच सितारा होटलों में ही नहीं बल्कि पार्टी कार्यालयों में भी महिलाओं का यौन शोषण किया।’

शांतनु सिन्हा ने एक और सोशल मीडिया पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि ‘मैं ये साफ करना चाहता हूं कि मेरे पोस्ट का मकसद अमित मालवीय की छवि खराब करना नहीं था बल्कि मैंने सिर्फ उन्हें हनी ट्रैप से बचने की सलाह दी थी। इस बारे में पहले तथागत रॉय ने बात की। मेरे पोस्ट में अमित मालवीय द्वारा महिलाओं के यौन शोषण करने की बात कहीं नहीं की गई थी।’ शांतनु ने लिखा कि अगर उनकी पोस्ट से किसी को दुख हुआ तो वह माफी मांगने के लिए तैयार हैं, लेकिन वह अपनी पोस्ट नहीं हटाएंगे। शांतनु सिन्हा ने लिखा कि ‘मैं संघ का स्वयंसेवक हूं। एबीवीपी का पूर्व राज्य सचिव और राज्य विधानसभा और कोलकाता नगर निगम का चुनाव भी लड़ चुका हूं। मैं नहीं चाहता कि मेरे किसी पोस्ट से भाजपा या इसके पदाधिकारियों को मेरी पोस्ट की गलत व्याख्या करके बदनाम किया जाए।