मेहनत से  किसी भी लक्ष्य को हासिल करने की कोशिश की जाए तो कोई भी लक्ष्य नामुमकिन नहीं होता है। समय- समय पर यह बात चरितार्थ होती रहती है। इसका एक और उदाहरण राजस्थान के झालावाड़ में देखने को मिला है। यहां एक टेम्पो चालक की बेटी नाजिया ने नीट परीक्षा में सफलता हासिल की है।  इस सफलता की खास बात यह भी है कि नाजिया अपने शहरकी पहली डॉक्टर बनने जा रही है।

22 वर्षीय नाजिया चौथी बार नीट की परीक्षा में शामिल हुइ थी। उन्हें  नीट (यूजी) 2021 परीक्षा में 668 अंक प्राप्त हुए हैं। राष्ट्रीय स्तर पर नाजिया को 1759वां स्थान प्राप्त हुआ है। वहीं अन्य पिछड़ा वर्ग की श्रेणी में उन्हें 477वीं रैंक मिली है। 
सफलता का श्रेय कोचिंग और साइकल को
नाजिया झालावाड़ जिले के पचपहाड़ नामक गांव की रहनी वाली हैं। उनके पिता इसामुद्दीन टेम्पो चलाने का काम करते हैं। उनकी मां और मां अमीना बी एक घरेलू महिला हैं एवं खेतों में मजदूरी करती हैं। नाजिया ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने कोचिंग संस्थान को दिया है। साथ ही नाजिया ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गई साइकल ने भी उन्हें सफलता प्राप्त करने में काफी मदद की है।

नाजिया ने 8वीं कक्षा के बाद पढ़ाई के लिए एक अन्य विद्यालय में प्रवेश लिया था। यह स्कूल उनके घर से काफी दूर था। 9वीं कक्षा में सरकार द्वारा प्रदान की गई साइकल ने नाजिया के सपनों को उड़ान देने में मदद की। इसकी मदद से ही वह अपने स्कूल जाती थी। 

छात्रवृति बना वरदान
एक गरीब और अशिक्षित परिवार से ताल्लुक रखने वाली नाजिया को सरकार से मिलने वाली छात्रवृति  से भी काफी मदद मिली।  पढ़ाई में होनहार नाजिया को दसवीं और बारहवीं दोनों ही कक्षाओं में छात्रवृति की सौगात मिली थी। इसकी मदद से ही उन्होंने शहर में कोचिंग में दाखिला लिया। इससे उन्हें सफलता प्राप्त करने का मनोबल भी मिला। नाजिया के अनुसार छात्रवृति उनके लिए एक वरदान से कम नहीं थी। 
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