लखनऊ। उत्तरप्रदेश में तेज बारिश का सिलसिला जारी है। अगले 5 दिन सूबे में जमकर पानी बरसेगा। मौसम विभाग ने 16 अगस्त को बरेली, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत सहित 15 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। तेज बारिश से नदियां उफान पर हैं। लखीमपुर खीरी के 250 गांवों में शारदा नदी का पानी भर चुका है। 2.50 लाख लोग प्रभावित हैं। प्रयागराज और कानपुर में गंगा का जलस्तर थोड़ा कम हुआ है। वाराणसी के 45 घाट अभी भी गंगा में डूबे हैं। गंगा आरती अभी भी घाट के ऊपर छत पर हो रही है।
आज और कल इन जिलों में बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने 16 अगस्त को महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बरेली, बस्ती, कुशीनगर, श्रावस्ती, गोंडा, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, रामपुर, पीलीभीत और शाहजहांपुर में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। 17 अगस्त को मौसम विभाग ने महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, संतकबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, अंबेडकर नगर, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली और पीलीभीत में बारिश की चेतावनी जारी की है।
गुरुवार को 45 जिलों में 10 मिमी बारिश हुई है। बुलंदशहर में सबसे ज्यादा 93 डड बारिश हुई। वाराणसी में घाट डूबने के चलते अभी भी दशाश्वमेध घाट की गंगा आरती छत पर हो रही है। लखीमपुर में शारदा नदी में रपटा पुल डूब गया। 3 गांवों का संपर्क कट गया है। उन्नाव में गंगा खतरे के निशान के ऊपर चल रही है। सड़कों पर नाव चल रही है। बलिया में गंगा-सरयू नदी खतरे के निशान से ऊपर चल रही हैं।
इन जिलों में बाढ़ के हालात
यूपी में एक जून से अब तक यानी 75 दिन में 430 मिमी से बारिश हो चुकी है। सीजन में 33 जिले अब तक बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं। अभी भी 15 जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं। कहीं रिमझिम तो कहीं पर जोरदार पानी बरस रहा है। वाराणसी, गोरखपुर, बिजनौर, बलिया, बाराबंकी, बांदा, लखीमपुर खीरी, बस्ती, फर्रुखाबाद, बहराइच, प्रयागराज, सीतापुर, गाजीपुर, आजमगढ़ और गोंडा में बाढ़ जैसे हालात हैं।उत्तरप्रदेश में तेज बारिश का सिलसिला जारी है। अगले 5 दिन सूबे में जमकर पानी बरसेगा। मौसम विभाग ने 16 अगस्त को बरेली, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत सहित 15 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। तेज बारिश से नदियां उफान पर हैं। लखीमपुर खीरी के 250 गांवों में शारदा नदी का पानी भर चुका है। 2.50 लाख लोग प्रभावित हैं। प्रयागराज और कानपुर में गंगा का जलस्तर थोड़ा कम हुआ है। वाराणसी के 45 घाट अभी भी गंगा में डूबे हैं। गंगा आरती अभी भी घाट के ऊपर छत पर हो रही है।