विशेषज्ञों का मानना है कि दिवाली के तीन सप्ताह बाद देश में कोरोना केस घट रहे हैं। ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर की संभावना बेहद कम है। विशेषज्ञों के मुताबिक, कोरोना के घटते केसों के पीछे दो प्रमुख कारण हो सकते हैं। पहला दूसरी लहर के दौरान वायरस की चपेट में आने वाले लोगों के ठीक होने के बाद इम्यूनिटी बनना और फिर संपर्क में आई बड़ी आबादी भी इम्यून हुई।
इसके अलावा विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के घटते केसों के पीछे सबसे प्रभावी कारण देश में कोरोना टीकाकरण है। हालांकि, इस वक्त देश के बड़े हिस्से में सर्दियों की शुरुआत के बाद कोरोना केस कम हो गए हैं। ऐसे में ये संभावना तेज है कि दूसरी लहर के बाद विनाशकारी तीसरी लहर की संभावना नहीं है। हालांकि विशेषज्ञ अभी भी तमाम सावधानी और सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं।
सोनीपत में अशोका विश्वविद्यालय के भौतिकी और जीव विज्ञान विभाग के प्रोफेसर गौतम मेनन ने समझाते हैं, "... यह पूरे देश में एक समन्वित तरीके से आगे नहीं बढ़ सकता है, बशर्ते कि कोई और अधिक गंभीर स्थिति न आए।"
बता दें कि महामारी वैज्ञानिकों ने त्योहारों के मौसम में बड़ी भीड़ के कारण अक्टूबर और नवंबर में तीसरी लहर के चरम पर पहुंचने की भविष्यवाणी की थी, जिसमें दुर्गा पूजा और दिवाली शामिल थी। लेकिन खुशकिस्मत से कोरोना के केस नहीं बढ़े। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार को भारत में 7,579 नए कोरोनोवायरस संक्रमण दर्ज किए गए, जो 543 दिनों में सबसे कम है।
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