सुल्तानपुर। सुल्तानपुर में जल निगम ग्रामीण के अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) संतोष कुमार की शनिवार सुबह उनके आवास पर पीटकर हत्या कर दी गई। भाई की तहरीर पर पुलिस ने जल निगम के ही सहायक अभियंता (एई) अमित कुमार और उसके एक अज्ञात सहयोगी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

पुलिस के अनुसार जल जीवन मिशन के कामों के भुगतान को लेकर विवाद में हत्या की गई है। पुलिस ने ड्राइवर संदीप को हिरासत में लिया है। देर शाम एक्सईएन का पोस्टमार्टम हुआ। उनके कई अंगों पर चोट के निशान मिले हैं। इसके अलावा दम घुटने से मौत की बात भी सामने आई है।

एक्सईएन संतोष कुमार मूल रूप से बलिया के रतसड़ कला गांव के रहने वाले थे। उनका परिवार प्रयागराज के कैंट क्षेत्र स्थित रेलवे कॉलोनी में रहता है। पत्नी ममता पीडब्ल्यूडी के एनएच डिवीजन में अवर अभियंता हैं। संतोष सुल्तानपुर के विनोबापुरी मोहल्ले में किराए के मकान में अकेले रहते थे। वह फरवरी 2023 से यहां तैनात थे।

मेरे साहब को बचा लो…एई अमित ने उन्हें मार दिया है। वही दोनों लोग हैं जो भाग रहे हैं…पकड़ो…। चिल्लाते हुए एक्सईएन का ड्राइवर संदीप विश्वकर्मा विनोबापुरी मोहल्ले में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की तरफ भागा। उसे बदहवास देखकर पहले तो लोग समझ ही नहीं पाए। मामला जब तक सामने आता तब तक दोनों आरोपी फरार हो चुके थे।

ड्राइवर की बात सुनकर एसटीपी के गार्ड और आसपास के लोग मकान के दूसरे तल पर स्थित कमरे में पहुंचे। वहां एक्सईएन संतोष कुमार फर्श पर अचेत पड़े थे। उनके पैर बेल्ट से बंधे थे और मुंह पर टेप चिपका हुआ था। मुंह और नाक से खून निकल रहा था। कमरे का सामान और एक-दो फाइलों के कागज बिखरे पड़े थे।

पानी के गिलास नीचे गिरे थे। पूरे कमरे में पानी फैला हुआ था। उनका मोबाइल दूर पड़ा था और दीवार के एक भाग पर खून के छींटे भी पड़े थे। ऐसा लग रहा था कि दीवार पर उनके सिर को कई बार टकराया गया है। स्थानीय लोगों की मदद से ड्राइवर ने संतोष कुमार को मेडिकल कॉलेज पहुंचाया।

बिनोवापुरी मुहल्ले में राकेश पांडेय के दो मंजिला मकान में कई परिवार किराए पर रहते हैं। एक पड़ोसी ने बताया कि एक्सईएन संतोष कुमार गंभीर थे। लोगों से कम बातचीत करते थे। अमूमन उनसे मिलने वालों की संख्या भी बहुत कम थी। सुबह 7.30 बजे के करीब दो लोग आए, लेकिन गेट बंद था। कुछ देर तक उसमें से एक ने किसी को कई फोन किए।

थोड़ी देर बाद ड्राइवर संदीप विश्वकर्मा आया और गेट खोलकर अभिवादन किया। करीब 10 मिनट बाद तेज आवाज आने लगी। समझा कि आपस में बातचीत हो रही है और अपने काम में लग गए। करीब 25 मिनट बाद ड्राइवर संदीप के चिल्लाने की आवाज आई तो देखा कि वाहन सवार दो लोग भाग रहे हैं। इसके बाद वारदात की जानकारी हुई।

जल निगम (ग्रामीण) के एक कर्मचारी ने बताया कि एक्सईएन संतोष कुमार की कार्यशैली स्टाफ के प्रति अच्छी थी। वह ड्यूटी को सबसे पहले रखते थे और पूरे मनोभाव से काम करना चाहते थे। यही वजह रही कि कार्यालय के कुछ लोगों को वह फूटी आंख नहीं सुहाते थे। सही काम करने को लेकर कार्यालय में अपने से निचले अधिकारी के साथ उनकी कभी कभार बहस भी हो जाती थी।

सुबह करीब 9.30 बजे एसपी सोमेन बर्मा विनोबापुरी जांच करने पहुंचे। कुछ देर बाद डीएम कृत्तिका ज्योत्स्ना भी पहुंच गईं। दोनों अधिकारियों ने करीब 20 मिनट घटनास्थल का मुआयना किया। उसके बाद डीएम वापस लौट गईं, लेकिन एसपी डटे रहे। एक्सईएन का मोबाइल फॉरेंसिक टीम ने अपने कब्जे में ले लिया है।

एक्सईएन की हत्या के बाद पुलिस ने ड्राइवर संदीप को हिरासत में लिया है। देर शाम तक उससे पूछताछ की जाती रही। पूछताछ में क्या निकला, इसको गोपनीय रखा गया है। हिरासत में लिए जाने से पूर्व संदीप ने बताया था कि एई अमित ने उसे कई बार फोन किया था, जिसके बाद उसने एक्सईएन से अनुमति लेने के बाद कमरे का दरवाजा खोला था। उसने पहले एक्सईएन को पानी गरम करके दिया था। उसके बाद अमित ने उसे पैसे देकर दही-जलेबी लेने बाहर भेज दिया।