नई दिल्ली। दो राज्यों में विधानसभा चुनावों के साथ देश में एक बार फिर सियासी हलचल तेज हैं। जम्मू-कश्मीर में तीन चरण में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसको लेकर तमाम दलों ने अपने चेहरे घोषित करने शुरू कर दिए हैं। केंद्र की सत्ताधारी पार्टी भाजपा ने दो सूची जारी कर दी है। इस सूची में कुल 16 उम्मीदवारों के नाम हैं।

हालांकि, इससे पहले एक नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला जब भाजपा ने 44 उम्मीदवारों वाली अपनी पहली सूची वापस ले ली। नाम के एलान होने के बाद पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में विरोधी सुर देखने को मिले। इसमें कई बड़े नेताओं के नाम नहीं थे। इस बीच, जम्मू में पार्टी दफ्तर में नारेबाजी भी हुई। आइये जानते हैं कि भाजपा की पहली और दूसरी सूची में क्या खास है? किन बड़े चेहरों को मौका मिला है? महिलाएं कितनी हैं? किस क्षेत्र से कितने नाम?

भाजपा की पहली और दूसरी सूची में क्या खास है?
भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार दोपहर को उम्मीदवारों की दो सूची जारी की। पहली सूची में 15 उम्मीदवारों के नाम का एलान किया गया है। वहीं पहली सूची के कुछ देर बाद जारी की गई दूसरी सूची में एकलौता नाम है। ये सभी नाम उन सीटों के हैं जहां पहले चरण में 18 सितंबर को मतदान होना है। पहले चरण में कुल 24 सीटों पर चुनाव होना है जिनमें 16 घाटी में और आठ जम्मू क्षेत्र में हैं।

किस क्षेत्र से कितने नाम?
भाजपा ने चुनाव तारीखों की घोषणा के साथ ही एलान कर दिया था कि वह जम्मू-कश्मीर की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। पार्टी ने पहले चरण में दक्षिण कश्मीर की 16 सीटों में से अब तक आठ उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दिया है। दक्षिण कश्मीर की इन सीटों पर पहले चरण में 18 सितंबर को पहले चरण में मतदान होना है। पहले चरण के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि मंगलवार (27 अगस्त) है।

दक्षिण कश्मीर के साथ चेनाब घाटी क्षेत्र में भी पहले चरण में मतदान होगा। पार्टी ने इस क्षेत्र के लिए भी आठ नाम घोषित कर दिए हैं।

किन बड़े चेहरों को मौका मिला है?
पार्टी ने पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष शक्ति राज परिहार, घाटी के वरिष्ठ नेता सोफी मोहम्मद यूसुफ, पूर्व मंत्री सुनील शर्मा को मैदान में उतारा है। सुनील शर्मा पाडेर नागसेनी सीट से तो डोडा पश्चिम से शक्ति राज परिहार मैदान में होंगे। कश्मीरी पंडित सुनील ने 2014 में किश्तवाड़ से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीता था। एक और कश्मीरी पंडित वीर सराफ शानगुस अनंतनाग सीट से उम्मीदवार बनाए गए हैं।

चर्चित बिजबेहरा सीट पर सोफी यूसुफ दावेदारी पेश करेंगे, जो परंपरागत रूप से पहलगाम से चुनाव लड़ते रहे हैं। हालिया परिसीमन के बाद पहलगाम के कुछ गांव बिजबेहरा सीट में शामिल हो गए हैं। यूसुफ का मुकाबला पीडीपी की इल्तिजा मुफ्ती से होगा। इल्तिजा, जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी हैं।

महिला कितनी हैं?
भाजपा की दो सूची में केवल एक ही महिला उम्मीदवार हैं। पार्टी ने शगुन परिहार को किश्तवाड़ से मैदान में उतारा है। शगुन परिहार भाजपा के दिग्गज नेता रहे अनिल परिहार की भतीजी हैं। अनिल जम्मू कश्मीर भाजपा के सचिव थे। नवंबर 2018 में किश्तवाड़ में आतंकियों ने शगुन के पिता अनिल परिहार और चाचा अजीत परिहार की हत्या कर दी थी।

भाजपा की ओर से टिकट मिलने पर शगुन ने पार्टी नेतृत्व का आभार जताया है। न्यूज एजेंसी को एएनआई को दिए साक्षात्कार में भाजपा उम्मीदवार ने कहा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि मेरे किश्तवाड़ के लोग किश्तवाड़ की बेटी को खुले दिल से अपनाएंगे। यह चुनाव केवल परिहार परिवार का नहीं बल्कि यह उन तमाम बलिदानियों के परिवार का है जिन्होंने देश की अखंडता के लिए अपनी जान दी है।’

पहले जारी की गई सूची में क्या था?
इससे पहले, सोमवार सुबह भाजपा ने 44 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। हालांकि, करीब दो घंटे बाद ही इस सूची को वापस ले लिया गया था। भाजपा की पहली सूची में पहले चरण के 15, दूसरे चरण के 10 और तीसरे चरण के 19 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गई थी। हालांकि, इस सूची में पूर्व उपमुख्यमंत्रियों निर्मल सिंह और कविंद्र गुप्ता के नाम नहीं थे। इसमें भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रविंद्र रैना का भी नाम नहीं था। सुबह भाजपा की पहली सूची के जारी होते ही जम्मू भाजपा के बड़े नेताओं में नाराजगी की खबरें आईं। चुनाव में टिकट नहीं मिलने वाले भाजपा नेताओं के समर्थक अपने उम्मीदवार के लिए टिकट की मांग को लेकर जम्मू स्थित भाजपा कार्यालय पहुंच गए। पार्टी कार्यकर्ताओं ने कार्यालय पर हंगामा भी किया।

सोमवार हुए घटनाक्रमों के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना ने प्रतिक्रिया दी है। रैना ने कहा, ‘पार्टी दफ्तर में एकत्र हुए भाजपा के सभी पार्टी कार्यकर्ताओं का मैं सम्मान करता हूं। भाजपा का हर कार्यकर्ता हमारे लिए महत्वपूर्ण है। मैं हर एक से मिलूंगा, मैं पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मिल रहा हूं और उनसे बातचीत कर रहा हूं। अगर कोई पार्टी कार्यकर्ता परेशान है या उसे कोई समस्या है, तो हम बैठकर उसका समाधान निकालेंगे।’

रविंदर रैना ने कहा, ‘मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि वे अपनी बात शांतिपूर्ण तरीके से रखें। मैं पार्टी के हर कार्यकर्ता और पार्टी नेता का सम्मान करता हूं। मैं उनसे मिलूंगा और जल्द से जल्द समाधान निकालूंगा।’

जम्मू कश्मीर में तीन चरण में विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे। पहले चरण के लिए अधिसूचना 20 अगस्त को जारी होगी, वहीं नामांकन की आखिरी तारीख 27 अगस्त होगी। उम्मीदवारी वापस लेने की आखिरी तारीख 30 अगस्त होगी। 18 सितंबर को पहले चरण में 24 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होगा।

2014 में जम्मू-कश्मीर राज्य में चुनाव हुए थे। तब 87 सीटों वाली विधानसभा के लिए 25 नवंबर से 20 दिसंबर 2014 तक पांच चरणों में मतदान हुआ था। परिणाम 23 दिसंबर, 2014 को घोषित किये गये थे। 87 सदस्यीय विधानसभा में महबूबा मुफ्ती की जम्मू-कश्मीर पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को सबसे ज्यादा 28 सीटें मिलीं थीं। वहीं, दूसरे स्थान पर भाजपा थी जो 25 सीटों पर जीतने में सफल रही थी। फारुख अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस को 15 जबकि कांग्रेस को 12 सीटों पर जीत मिली थी। तीन सीटों पर निर्दलीय तो चार सीटों पर अन्य छोटे दलों को जीत मिली थी। नतीजों से साफ है कि कोई भी दल बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंच सका था।

नतीजों के बाद भाजपा-पीडीपी ने सरकार बनाई। पीडीपी-भाजपा की यह गठबंधन सरकार दो साल से ज्यादा वक्त तक चली। जून 2018 में भाजपा ने महबूबा सरकार से समर्थन वापस ले लिया। इसके साथ ही महबूबा मुफ्ती की सरकार गिर गई। 5 अगस्त, 2019 को राज्य का विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर इसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया। धारा 370 हटने के बाद अब पहली बार राज्य में विधानसभा चुनाव होंगे।