नई दिल्ली। भगवान के मंदिर में चढ़ावे में रूप में रुपये, पैसे और जेवरात आना कोई नई बात नहीं है। लेकिन ग्वालियर में आस्था में एक अलग ही तरह की भेंट का मामला सामने आया है। यहां एक भक्त ने अपनी जीवन बीमा पालिसी में अपने सगे संबंधी की जगह ग्वालियर स्थित भगवान अचलनाथ को अपना नॉमिनी बनाया था। अब उनके निधन के बाद उनकी बीमा सलाहकार ने उनकी पॉलिसी और नॉमिनेशन दस्तावेज मंदिर में भेजे तो पता चला उसके सात लाख 42 हजार भगवान के खाते में आ रहे हैं।
ग्वालियर में प्रसिद्ध शिव मंदिर है, जिसे अचलेश्वर या अचलनाथ मंदिर कहा जाता है। विगत रोज एक महिला अचलेश्वर न्यास के दफ्तर पहुंची और उन्होंने बताया कि भगवान के खाते में एलआईसी पॉलिसी की रकम आनी है। इसके दस्तावेज ये हैं। यह सुनकर सब चौंक गए। बीमा सलाहकार सुषमा बंसल ने बताया कि ग्वालियर की पीपल वाली गली थोराट की गोठ लोहिया बाज़ार की रहने वाली माधुरी सक्सेना ने अपने जीवन काल में 28 मार्च 2017 को भारतीय जीवन बीमा निगम से एक बीमा पॉलिसी क्रमांक 203810358 ली थी। उन्होंने अपनी पॉलिसी में नॉमिनी अचलेश्वर महादेव सार्वजनिक न्यास को बनाया था। वे बाद में दिल्ली जाकर रहने लगी। जहां 19 मार्च 2022 को उनका देहावसान हो गया।
मंदिर पहुंची बीमा सलाहकार सुषमा ने स्वर्गीय माधुरी सक्सेना के बीमा से संबंधित सभी दस्तावेज अचलेश्वर न्यास को सुपुर्द कर दिए। ट्रस्ट से जुड़े लोगों ने बताया कि भक्त की मृत्यु के बाद उनकी पॉलिसी से जुड़े सारे दस्तावेज मिलने के बाद ट्रस्ट ने दावे की कार्रवाई कर दी है। जल्द ही भक्त के बीमा की देय सात लाख 42 हजार की रकम भगवान के न्यास के खाते में आ जाएगी।