बदायूं। हम और हमारे आस-पास कितने ही ऐसे लोग हैं जो बच्चों के स्मार्ट फोन के लत से परेशान हैं। मजाक-मजाक में अभिभावक बच्चों को फोन थमा तो देते हैं लेकिन फिर स्मार्ट फोन बच्चों का पसंदीदा खिलौना बन जाता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए उत्तर प्रदेश की एक टीचर ने अनोखा तरीका ढूंढ निकाला है। इस तरीके को देख कर सोशल मीडिया पर लोग टीचर की जम कर सराहना कर रहे हैं। दरअसल यूपी के बदायूं के एक स्कूल के अवेयरनेस प्लैन क्यू वीडियो एक्स पर खूब वायरल हो रहा है।
बदायूं के HP इंटरनेशनल स्कूल की टीचर्स ने मिलकर बच्चों को मोबाइल से दूर करने के लिए एक अवेयरनेस प्लैन बनाया था। इसमें वीडियो पर सबसे पहले एक टीचर आंखों पर पट्टी बांधकर रोने की एक्टिंग करती नजर आती है। दूसरी टीचर्स घबराकर उसे घेर लेती है और पूछती है, “क्या हुआ मैम, कैसे हुआ ये।” वह टीचर अंग्रेजी में जवाब देती है, “मैंने बहुत ज्यादा फोन चलाया था इसीलिए ये हुआ है।” इसके बाद वीडियो में नजर आ रहे बच्चे सहम जाते हैं।
अपने टीचर की ये हालत देख कर बच्चे फोन को देख कर ही दूर जाने लगते हैं। एक टीचर सभी बच्चों को फोन देने की कोशिश करती है लेकिन कोई आगे नहीं आता। यहां तक की कई बच्चे रोते हुए भी नजर आते हैं और कहते हैं कि वो अब कभी फोन नहीं चलाएंगे।
बच्चों से मोबाइल की लत छुड़वानी है तो ये दिखा दें ये वीडियो..!
यूपी के बदायूं के HP इंटरनेशनल स्कूल की टीचर्स ने बच्चों को मोबाइल से दूर करने के लिए एक अवेयरनेस प्लान बनाया है। वीडियो में एक टीचर आंखो पर पट्टी बांधकर रोती नज़र आती है। टीचर के पूछने पर कहती है कि ज्यादा मोबाइल… pic.twitter.com/4XrNZXWR2a
— Vikash Mohta (@VikashMohta_IND) September 11, 2024
सोशल मीडिया पर फैन हुए लोग
इस वीडियो को सोशल मीडिया पर अब तक 6 लाख से ज्यादा व्यूज और 10 हजार से भी ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं। कई यूजर्स टीचर और स्कूल की तारीफ कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “बहुत ही शानदार और अछी वीडियो और बहुत ही अच्छा संदेश। एक छोटा सा प्रयास ना जाने कितने जीवन बना देगा।” वहीं एक दूसरे यूजर ने लिखा, “यह तरीका बच्चों को मोबाइल की लत से छुड़ाने के लिए एक नई और प्रभावी पहल लगती है।
जब बच्चों को यह समझाया जाता है कि ज्यादा मोबाइल देखने से उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है, तो वे सच में सचेत हो सकते हैं। टीचर्स का यह प्रयास जागरूकता बढ़ाने में मददगार हो सकता है लेकिन यह भी ज़रूरी है कि इसके साथ-साथ बच्चों को स्वास्थ्यपूर्ण मोबाइल उपयोग के नियम और सकारात्मक विकल्प भी सिखाए जाएं।”