गोंडा : जिले के तरबगंज थाना क्षेत्र के पथार रंगधारपुरवा गांव में भेड़िये की आमद से लोग सहम गए हैं। पगचिन्हों के सहारे हिंसक जानवर की टीम पहचान करने में जुटी है। ग्रामीणों का कहना है कि हमले का तरीका भेड़िया जैसा ही था।

बीते शुक्रवार की रात करीब आठ बजे तरबगंज थाना क्षेत्र के पथार रंगधारपुरवा गांव में अपने घर के दरवाजे पर खड़े नौ वर्ष के मासूम पर हिंसक जंगली जानवर ने हमला कर दिया। हिसंक जानवर मासूम को खींचकर ले जा रहा था जिसके चंगुल से ग्रामीणों ने मासूम को बचाया। लाठी-डंडों से हमला करके जानवर को भगाया।

ग्रामीणों का दावा है कि हिंसक जानवर भेड़िया है। वहीं, पुलिस व वन विभाग की टीम गांव में पहुंचकर छानबीन कर रही है। पदचिन्हों से जानवर की पहचान कर रही है। ग्रामीणों का कहना है कि शुक्रवार की रात में स्व. किशन कुमार का बेटा सुंदरम (09) घर से निकलकर दरवाजे पर आया तभी वहां छिपकर बैठे भेड़िये ने उस पर हमला कर दिया। लड़के को घसीटकर घर से 150 मीटर कुछ दूर ले जा रहा था, तभी चिल्लाने पर मासूम के सौतेले पिता भल्लर और पास से गुजर रहे गांव के समीउल्ला ने हिंसक जानवर पर लाठी-डंडे से हमला किया जिससे वह मासूम को छोड़कर पास के खेतों की तरफ भाग गया तब जाकर मासूम की जान बच सकी।

शोर सुनकर ग्रामीण इकट्ठा हुए व सूचना देने पर पुलिस व वन विभाग की टीम ने भी पहुंचकर मौके की जांच पड़ताल की। जानवर के हमले में मासूम के हाथ व सिर में गंभीर चोट आई हैं। मासूम को सीएचसी तरबगंज ले जाकर इलाज कराया गया। हिंसक जानवर के हमले के चश्मदीद समीउल्ला ने बताया कि हमला करने वाला जानवर भेड़िया ही था जिसकी पहचान उसने की है। दावा किया कि उसके पगचिन्ह भी सियार की अपेक्षा बड़े थे। यही नहीं उसके हमले का तरीका भी भेड़िये जैसा ही था। घटना के बाद गांव के लोग सहम गए हैं।

भेड़िये के हमले से बच्चे की जान बचाने वाले समीउल्ला ने बताया कि घटना के कुछ देर पहले पास के गांव खजुरी टेपरा के रिजवान पर भी हिंसक जानवर ने हमला किया था। रिजवान (16) ने बताया कि जब वह मजदूरी कर के वापस आ रहा था, तो सरदार फार्म के पास उस पर अज्ञात जानवर ने उसके पैर पर हमला किया था लेकिन शोर मचाने व बचाव करने पर वह भाग निकला। क्षेत्र में भेड़िये की आमद की आशंका को लेकर दहशत का माहौल है, लोग रतजगा कर रखवाली करने को मजबूर है।

वन विभाग के रेंजर ज्योतिर्मय शुक्ला ने बताया कि घटना की सूचना पर विभाग के कर्मियों को सक्रिय किया गया है। पगचिन्हों से हिंसक जानवर की पहचान की जा रही है। अभी भेड़िया कहना जल्दबाजी होगी। जानवर की पहचान होने पर उसके पकड़ने का प्रबंध भी उसी के हिसाब से किया जाएगा। ग्रामीणों को सजग रहने के लिए कहा गया है। जरूरत पड़ने पर अंधेरे में घर से बाहर निकलने पर लोग हाथ में लाठी डंडे व टॉर्च लेकर ही चलें और समूह में ही निकलें।