पोते को छोड़ने जाती थी रेंज पर, खुद बन गई शूटर
रेखा ढाका नगर की नई मंडी निवासी सेवानिवृत्त कैप्टन किशन सिंह ढाका की पत्नी है। उनके दो पोत्र 12 वर्षीय अर्जुन ढाका व 16 वर्षीय जयंत ढाका नगर की एक शूंटिग में अभ्यास करने जाते हैं। वे प्रतिदिन अपने पोतों को शूटिंग रेंज में छोड़ने व लेने जाती थी। उन्होंने भी छह माह पूर्व रेंज में कभी-कभी निशाना लगाना शुरू किया गया। इसके बाद उन्होंने घर पर भी अभ्यास करना शुरू कर दिया था।
इन प्रतियोगिताओं में हासिल किए मेडल
डॉ. राजपाल सिंह ने बताया कि रेखा ढाका ने अगस्त माह में जौहड़ी व कलीना जनपद मेरठ में जिला स्तर पर हुई शूटिंग प्रतियोगिता में 10 मीटर एयर पिस्टल में भाग लेकर गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद उन्होंने गत माह चार अक्तूबर को दादरी में हुई प्री-स्टेट व 31 अक्तूबर को लखनऊ में हुई यूपी स्टेट प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीते। इसके अलावा मेरठ में इंडियन शूटिंग रेंज में 10 से 15 अक्तूबर तक चली ओपन निशानेबाजी प्रतियोगिता में भी गोल्ड मेडल हासिल किया। उनकी इस कामयाबी पर बागपत गर्व महसूस कर रहा है।
डीएम ने किया सम्मानित
शुक्रवार को कलक्ट्रेट में डीएम राजकमल यादव ने शूटर दादी रेखा ढाका को सम्मानित किया। इस दौरान कोच डॉक्टर राजपाल सिंह भी मौजूद रहे।
चंद्रो तोमर और प्रकाशो तोमर की सफलता
बागपत की अंतरराष्ट्रीय शूटर चंद्रो तोमर और प्रकाशो तोमर ने शूटिंग प्रतियोगिता में बड़ा नाम कमाया है। साधारण से गांव जौहड़ी में शूटर दादी चंद्रो तोमर ने संघर्ष की गाथा लिखी थी। बढ़ती उम्र में दादी ने बंदूक थामी और शूटिंग प्रतियोगिताओं में अचूक निशाने लगाकर जमाने को अपनी काबिलियत दिखाई। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शूटर दादी के नाम पर नोएडा शूटिंग रेंज का नाम रखने की घोषणा की थी। मूलरूप से शामली के गांव मखमूलपुर में शूटर दादी चंद्रो तोमर का जन्म एक जनवरी 1932 को हुआ था। उनका विवाह गांव जौहड़ी के भंवर सिंह से हुआ था। उनके दो पुत्र ओमवीर व विनोद हैं। वर्ष 1998 में गांव के डॉ. राजपाल सिंह से शूटिंग सीखने पौत्री शैफाली के साथ दादी चंद्रो तोमर भी जाती थीं। इसी दौरान दादी ने भी निशानेबाजी शुरू की। देवरानी प्रकाशी तोमर का भी उन्हें साथ मिल गया था।
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