लखनऊ।   साइबर अपराधियों ने मनी लॉन्ड्रिंग केस होने का झांसा देकर सेवानिवृत्त बैंक अफसर सुब्रतो बनर्जी को 24 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा। डरा धमकाकर दूसरे दिन उनको बैंक भेजा और 13 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए। पीड़ित की तहरीर पर साइबर क्राइम थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।

इंस्पेक्टर बृजेश कुमार यादव ने बताया कि 19 सितंबर को आलमबाग निवासी सुब्रतो को व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल आई। इसे उठाने पर वर्दी में एक शख्स नजर आया। उसने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया। सुब्रतो से कहा कि उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया है। इसलिए आपको डिजिटल अरेस्ट किया जा रहा है। न तो कॉल कट करनी है और न ही इस बारे में किसी को कुछ बताना है। सुब्रतो डर गए और जैसा ठग कहता गया वे वैसा करते गए। इंस्पेक्टर का कहना है कि बैंक खातों का विवरण जुटाया जा रहा है।

खुद को अफसर बताने वाले ठग ने अपना फेक आईडी कार्ड सुब्रतो को भेजा था। साथ में एक उनके नाम से फेक वारंट भेजा था। इसे देखकर वह समझे कि अफसर सही है और कार्रवाई हो सकती है।

इंस्पेक्टर ने बताया कि सरकारी डॉक्टरों के साथ-साथ अलग-अलग विभाग के सेवानिवृत्त अफसरों व कर्मचारियों को ठग निशाना बना रहे हैं। तीन महीने में ऐसे लोगों से ठगी के तीन दर्जन केस दर्ज किए गए हैं। अंदेशा है कि ठगों के पास इन सभी का डाटा है।