नई दिल्ली:उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर आलू की खेती होती है. खासकर लखीमपुर खीरी में किसान आलू की कई वैरायटी की खेती करते हैं. आलू की खेती में उन्नत बीज को लेकर किसानों को अक्सर जूझना पड़ता है. हालांकि इस बार आलू की खेती करने वाले किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है. लखीमपुर खीरी जिले में आलू के उत्पादन को बढ़ाने और प्रजाति में सुधार के लिए उद्यान विभाग बीज उपलब्ध कराएगा.
किसानों को इस बार दो अलग-अलग श्रेणियों में बीज उपलब्ध कराया जाएगा. इसको लेकर किसानों से आवेदन मांगा गया है. किसानों को उपलब्धता के अनुसार पहले आओ, पहले पाओ के अनुसार बीज का वितरण किया जाएगा.
उद्यान विभाग आलू के उन्नत किस्म के बीजों की बिक्री करेगा. उद्यान विभाग लखीमपुर जनपद में 100 क्विंटल आलू के बीज की बिक्री का लक्ष्य है. आलू के बीज की बिक्री निर्धारित केन्द्रों के माध्सम से की जाएगी. उद्यान विभाग के अधिकारी मृत्युंजय सिंह ने लोकल 18 को बताया कि किसान यदि आलू की खेती करना चाहते हैं तो, बाजार से सस्ता आलू का बीज उद्यान विभाग उपलब्ध करा रहा है.
उन्होंने बताया कि कुफरी बहार और चिप्सोना बीज किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है. बीज के लिए किसानों को उद्यान विभाग के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा. वहीं किसानों को रजिस्ट्रेशन के वक्त आधार कार्ड और जमीन की खसरा खतौनी की फोटोकॉपी की जरूरत पड़ेगी.किसानों को पहले आओ पहले पाओ के तर्ज पर आलू का बीज मिलेगा.
उद्यान विभाग के अधिकारी मृत्युंजय सिंह ने लोकल 18 को बताया कि चिप्सोना आलू की खेती करने के लिए किसानों को अनुदान पर बीज मिलता है. चिप्सोना आलू का एक हेक्टेयर में 25 से 30 टन तक पैदावार होती है. चिप्सोना आलू की खेती में किसानों को प्रति बीघा 10 से 20 हजार तक खर्च करना पड़ता है. वहीं उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्र के लिए कुफरी बहार आलू की किस्म बेस्ट है. यह 90 से 100 दिनों में तैयार हो जाती है. इसकी दूसरी किस्मे 120 से 135 दिनों में तैयार होती है. वहीं प्रति हेक्टेयर 200 से 250 क्विंटल तक उत्पादन होता है.