मेरठ। मेरठ में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की पांच टीमों ने शहर में विभिन्न स्थानों पर कार्रवाई करते हुए रिफाइंड से बना 560 किलो मावा, 190 लीटर लीटर दूध और बेसन के लड्डू सहित अन्य सामान को नष्ट किया। दीपावली पर ग्राहकों से मिठाइयां और अन्य सामान खरीदते समय सतर्क रहने की अपील भी की है।
शहर में मिलावटी एवं बिना मानक पूरा किए बनाए जा रहे खाद्य पदार्थों की सप्लाई रोकने के लिए एफएसडीए के द्वारा अभियान चलाया गया। पांच टीमों ने शहर में घंटाघर मावा मंडी सहित अन्य स्थानों पर जांच की। इस दौरान 6 खोया, 4 मिश्रित दूध, 4 खोया से बनी मिठाइयों के नमूने संग्रहित किए गए। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन मुख्य अधिकारी रवि शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य के लिए प्रतिकूल पाए गए 560 किलो मावा, 190 लीटर दूध, बेसन के लड्डू और मिल्क केक आदि का भारी मात्रा में स्टॉक नष्ट किया गया।
शहर में कई शॉपिंग मार्ट और मॉल में एक्सपायर नमकीन और बिस्कुट बेचे जा रहे हैं। ब्रह्मपुरी निवासी अनुराग गर्ग ने बताया कि वह मित्र भगत शर्मा के साथ 25 अक्तूबर को दोपहर 2:27 मिनट पर गढ़ रोड स्थित शॉपिंग मार्ट से नमकीन के पैकेट खरीदे।
बिलिंग होने के बाद पता चला कि नमकीन 19 अक्तूबर को एक्सपायर हो चुकी है। इस संबंध में मार्ट मैनेजर से शिकायत की गई। अनुराग ने आरोप लगाया कि एक हजार में सेटेलमेंट का ऑफर भी दिया गया। अनुराग ने इस संबंध एफएसडीए अधिकारियों से शिकायत की है। एफएसडीए चीफ रवि शर्मा ने बताया कि टीम को भेजकर जांच कराई जाएगी और आवश्यक कार्रवाई होगी।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के चीफ रवि शर्मा ने कहा कि ग्राहक इस बात का विशेष ध्यान रखें कि खाद्य पदार्थ पर निर्माण और एक्सपायरी का दिनांक अंकित या नहीं है। खाद्य पदार्थ एक्सपायर तो नहीं हो गया है।
सिंथेटिक दूध की पहचान के लिए दूध को हथेली पर रगड़ें। यदि साबुन जैसे चिपचिपा लगे तो विभाग से शिकायत करें। सिंथेटिक दूध उबालने पर पीला हो जाता है। सिंथेटिक मावा चार से पांच घंटे रूम टेंप्रेचर पर रखने पर खराब हो जाता है। बाजार में खुले मिलने वाले तेल और मसालों में भी मिलावट हो सकती है।