बागपत। जनपद के बड़ौत में पांच साल पहले गांधी चौक पर लगाया गया ट्यूबवेल आज तक भी शुरू नहीं हो सका है। इन पांच सालों में यह तो जरूर हुआ है कि ट्यूबवेल को गांधी चौक से बाजार चौकी पर स्थापित करने पर 22 लाख रुपये खर्च कर दिए गए। विद्युत निगम भी करीब 11 लाख रुपये कनेक्शन के नाम पर जनवरी में ही जमा करा चुका है, लेकिन आज तक कनेक्शन नहीं दिया। यहीं वजह है ट्यूबवेल में करंट नहीं दौड़ पाया। इसकी वजह से वार्ड नंबर 25 के करीब 500 परिवार पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। इसकी न तो नगर पालिका को चिंता और न ही प्रशासन को। 

बड़ौत नगर के वार्ड नंबर 25 के निवासियों को पेयजल व्यवस्था मुहैया कराने के लिए वर्ष 2016 में गांधी चौक पर ट्यूबवेल लगाया गया था। कुछ दिन बाद ही इसका बोरिंग फेल हो गया था। दो साल बाद तक लोग पेयजल संकट से जूझते रहे। इस दौरान काफी हंगामा हुआ। हंगामा बढ़ता देख वर्ष 2018 में ट्यूबवेल को गांधी चौक के बजाए बाजार पुलिस चौकी पर स्थापित करने और लागत के रूप में ठेकेदार को लगभग 16 लाख रुपये देने का प्रस्ताव बोर्ड बैठक में पास हुआ था। इस पर तुरंत अमल करते हुए पालिका की ओर से ट्यूबवेल पुलिस चौकी पर स्थापित कर दिया गया और लागत के रूप में ठेकेदार को 22 लाख रुपयों का भुगतान भी कर दिया गया। इसके अलावा ऊर्जा निगम को कनेक्शन के लिए तकरीबन 11 लाख रुपयों का भुगतान जनवरी 2021 में दिया जा चुका है। लेकिन विद्युत कनेक्शन नहीं मिलने से यह ट्यूबवेल चालू नहीं हुआ। नतीजन वार्ड नंबर 25 से जुड़े 500 परिवार के लोग आज भी पेयजल संकट से जूझ रहे हैं।

वार्ड वासी बोले, नहीं हो रही कोई सुनवाई
डीजे कॉलेज के पूर्व प्रवक्ता राज गोपाल शर्मा और राम अवतार राही का कहना है कि पांच सालों से पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। लेकिन बार-बार शिकायतों के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अमित वशिष्ठ एडवोकेट व नरेश कुमार वर्मा का कहना है कि पेयजल व्यवस्था बिल्कुल धड़ाम है। सोच-समझकर पानी खर्च करना पड़ रहा है। मोहल्ले में एक टंकी लगी हुई है। इसमें सप्ताह में दो से तीन बार पानी आता है, उससे ही काम चलाना पड़ रहा है।

वार्ड नंबर 25 के सभासद अनुज जैन ने नगर पालिका के अफसरों पर ठेकेदार से मिलीभगत का आरोप लगाया। सवाल उठाए कि जब ट्यूबवेल चालू ही नहीं हुई तो ठेकेदार को भुगतान क्यों कर दिया गया। उन्होंने बताया कि ट्यूबवेल की बिना चालू हुए ही गारंटी खत्म हो गई। छह माह की गारंटी ट्यूबवेल की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि ठेकेदार को बोर्ड बैठक में 16 लाख का भुगतान देना पास हुए थे, लेकिन पास हुए प्रस्ताव से ज्यादा भुगतान किया गया है। इस संबंध में डीएम से भी शिकायत की थी।

बिजली कनेक्शन न होने के कारण ट्यूबवेल चालू नहीं हो सकी। ऊर्जा निगम को कनेक्शन के लिए तकरीबन 11 लाख रुपयों का भुगतान गत जनवरी माह में दिया जा चुका है। ठेकेदार को भुगतान हुआ है या नहीं? इसकी मुझे जानकारी नहीं है।

गांधी चौक पर जो ट्यूबवेल लगी थी, उसका बोरिंग फेल हो गया था। इस कारण ठेकेदार का भुगतान रोक दिया गया था, लेकिन बाजार पुलिस चौकी पर जो ट्यूबवेल लगी है, उसके लिए 22 लाख का भुगतान ठेकेदार को दिया जा चुका है। ट्यूबवेल को जल्द से जल्द चालू किए जाने का प्रयास किया जा रहा है।