आगरा। आगरा के थाना अछनेरा के गांव कचाैरा में खेत में गोदाम बनाकर नकली डीएपी तैयार की जा रही थी। मंगलवार रात को एसटीएफ ने गोदाम पर छापा मारा। एक आरोपी ने एसटीएफ पर कार चढ़ाने की कोशिश की। पुलिसकर्मी बाल-बाल बच गए। हमलावर कार और मेटाडोर से भाग निकले।
एसटीएफ कर्मियों ने पीछा करके 4 को पकड़ लिया। उनसे 65 कट्टे डीएपी के बरामद किए गए हैं। आरोपी 600 रुपये के ग्रो प्लस के कट्टे में रखी डीएपी को इफ्को के कट्टों में भरकर 1700 रुपये तक में बेचा करते थे। आगरा ही नहीं आसपास के जिलों और राजस्थान में सप्लाई करते थे। उनसे ग्रो-प्लस ब्रांड के कई खाली कट्टे, कीटनाशक की कुछ ब्रांडेड कंपनी की थैलियां और एक सिलाई मशीन मिली हैं।
एसटीएफ के निरीक्षक यतेंद्र शर्मा ने बताया कि अछनेरा के गांव कचाैरा में नकली डीएपी बेचने की सूचना मिली थी। इस पर टीम ने पड़ताल की। मंगलवार रात को कचाैरा गांव में एक खेत में बने गोदामों पर छापा मारा गया। टीम ने कार और मेटाडोर का पीछा किया। इसके बाद 4 आरोपियों को पकड़ लिया गया। इनमें गांव कचाैरा, अछनेरा निवासी हर्ष गाैतम, टूंडला के हाथी गढ़ी निवासी आकाश प्रताप सिंह, फिरोजाबाद के कस्बा सिकंदरा निवासी आमिर खान और शास्त्रीपुरम निवासी मुकेश गोस्वामी हैं।
निरीक्षक के मुताबिक, आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि हर्ष गाैतम, आकाश प्रताप, आमिर खान और मुकेश को पकड़ा है। आमिर मजदूरी करता है। वहीं मुकेश मेटाडोर का चालक है। हर्ष और आकाश मिलकर नकली डीएपी का काम करते हैं। मुकेश कट्टे लेने आया था। आकाश अंकित पचाैरी नामक व्यक्ति से कच्चा माल लेकर आता है। वहीं कुबेरपुर का आशीष खत्री की खाद की फैक्टरी है। वह भी माल बेचता है। आरोपी दोनों की मदद से नकली खाद तैयार करते थे। वहीं जीवनी मंडी का अमित ट्रेडर्स का मालिक माल खपाने में मदद करते थे।
ग्रो-प्लस का एक कट्टा 400 रुपये तक में आ जाता है। वहीं इफ्को कंपनी के कट्टे का सरकारी मूल्य 1350 रुपये है। आरोपी लखनऊ के आलमबाग के आशीष से इफ्को के खाली कट्टे लेकर आते थे। इनमें ग्रो प्लस का माल भर देते थे। 600 रुपये में एक कट्टा तैयार हो जाता था। इसे आरोपी 1500 से लेकर 1700 रुपये तक में बाजार में असली बताकर बिक्री करते थे। नकली में फास्फेट की मात्रा 16 प्रतिशत तक ही रहती थी, जबकि इफ्को कंपनी के में 46 प्रतिशत तक होती है। इस डीएपी से फसल को भी फायदा नहीं हो रहा था।
जानकारी पर कृषि विभाग की टीम भी पहुंच गई। जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार ने थाने पहुंच कर डीएपी की जांच की। उन्होंने बताया कि कालाबाजारी में शामिल लोग उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान में भी नकली खाद को खपाने का काम करते रहे हैं। इनसे पूरे नेटवर्क व अन्य साथियों की जानकारी की जा रही है। पिछले महीने भी किरावली क्षेत्र में नकली डीएपी से भरा ट्रक पकड़ा गया था, जो गाजियाबाद से लाया गया था।
पूछताछ में पुलिस को पता चला कि नकली खाद का यह काम काफी समय से चल रहा है। गांव व कस्बों की दुकानों पर खाद व ब्रांडेड कीटनाशक की सप्लाई की जाती है। कम मात्रा में कट्टे लादकर गाड़ी या टेंपो से भेज जाते हैं, ताकि किसी को शक न हो। थाना प्रभारी अछनेरा ने बताया है कि अभी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। चार लोगों को पकड़ा गया है। सभी से पूछताछ की जा रही है।
एसटीएफ ने बताया कि पूर्व में राजस्थान के 50 हजार के इनामी कृष्ण अवतार को पकड़ा गया था। तब उसके साथी के रूप में हर्ष गाैतम का नाम आया था। इसमें पता चला था कि वह नकली खाद का कारोबार करता है। इस पर एसटीएफ उस पर नजर रख रही थी। उसने अपने खेत में तीन कमरे बनाए थे। इसमें ही डीएपी को रखता था। माल तैयार करने के बाद भेजता था। टीम ने आरोपियों से इफ्को ब्रांड के 65 कटटे, ग्रो प्लस ब्रांड के 300 से अधिक खाली कटटे, सिलाई मशीन, कई कीटनाशक बरामद किए हैं।