मेरठ। ऑनलाइन गेमिंग एप (अन्ना रेडी एप) के जरिए कम निवेश पर अधिक मुनाफा कमाने का झांसा देकर साइबर ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह के सदस्य मुजफ्फरनगर के तावली गांव निवासी आसिफ उर्फ सिप्पा और जमीर उर्फ जमील व मखियाली गांव निवासी तालिब को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह के सदस्य भारत के साथ दुबई और कुवैत में बैठकर प्रतिदिन सैंकड़ों लोगों से करीब 15 लाख रुपये की ठगी कर रहे हैं। अभी तक करीब 27 करोड़ की ठगी यह गिरोह कर चुका है। ठगी का पैसा हवाला के जरिए एक-दूसरे के पास पहुंचाते हैं।

एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि लोहियानगर थाना क्षेत्र के हापुड़ रोड जमनागनर निवासी सोहेल खान ने 1930 नंबर पर कॉल करके साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी। उनके मुताबिक साइबर ठगों ने दिवाली के मौके पर कम निवेश में अधिक मुनाफा दिलाने का झांसा दिया था। उनके मोबाइल पर एक लिंक भेजकर करीब एक लाख रुपये का निवेश साइबर अपराधियों ने करा लिया था। लेकिन उन्हें मुनाफे की कोई रकम नहीं मिली। धोखाधड़ी कर उनसे ठगी कर ली गई।

मामले की जांच के दौरान साइबर थाना पुलिस ने ठगी की रकम जिन बैंक खातों में गई थी, उसकी फर्स्ट और सेकंड लेयर का विवरण जुटाया। इसमें मुजफ्फरनगर के ताबली गांव निवासी मोहम्मद समीर का नाम प्रकाश में आया। रविवार को मेडिकल थाना पुलिस वाहनों की चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान कार सवार आसिफ उर्फ सिप्पा और जमील उर्फ जमीर को रोककर तलाशी ली गई। इनके पास से 95 एटीएम कार्ड, चार मोबाइल, पांच पासबुक, नौ चेकबुक, 14 मोबाइल सिम बरामद किए गए।

बरामद सामान के बारे में पूछताछ की गई तो दोनों के पास से सोहेल खान के साथ हुई ठगी से जुड़े मोहम्मद समीर के सेकंड लेयर बैंक एकाउंट का विवरण मिला। इसकी साइबर थाना टीम और मेडिकल थाना पुलिस ने गहराई से जांच की। इससे पता चला कि यह साइबर ठगी करने वाला अंतरराष्ट्रीय गिरोह है। इसके बाद पुलिस ने मुजफ्फरनगर के कई गांवों में गिरोह के सदस्यों की तलाश में दबिश दी। वहां से तालिब को गिरफ्तार किया गया। नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश की जा रही है।

एसपी सिटी ने बताया कि पूछताछ में पता चला कि साइबर ठगी का मुख्य आरोपी आसिफ उर्फ सिप्पा वर्ष-2012 से 2023 तक कुवैत में रहा है। वहां उसके भाई महताब का रेस्टोरेंट है। कुवैत में वर्ष-2016 में छत्तीसगढ़ के रहने वाले चार्ली उर्फ सद्दाम से उसकी मुलाकात हुई। चार्ली एसी टेक्नीशियन का काम करता था। दोनों में गहरी दोस्ती हो गई। करीब छह माह पहले दिल्ली के चांदनी चौक पर दोनों की मीटिंग हुई। दोनों की मुंबई में रहने वाले आहिल से बातचीत हुई। तीनों ने मिलकर अवैध रूप से ऑनलाइन गेमिंग एप तैयार करके लोगों के साथ धोखाधड़ी करके रुपये कमाने की योजना बनाई। आहिल ने अन्ना रेडी एप तैयार किया। मोहम्मद समीर और चार्ली उर्फ सद्दाम समेत अन्य आरोपियों की तलाश में कई टीमें लगाई गई हैं।

एसपी सिटी ने बताया कि कंपनी का हेड चार्ली उर्फ सद्दाम को बनाया गया। आसिफ उर्फ सिप्पा ने फर्जी बैंक खाते खुलवाने के लिए अपनी जान पहचान के लोगों को कमीशन पर नियुक्त किया। उसने 40 बैंक खाते कमीशन पर ले लिए। खातों से संबंधित व्यक्तियों के नाम से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सिम लेकर चार्ली उर्फ सद्दाम को उपलब्ध कराए। ये लोग सभी खातों के एटीएम कार्ड अपने पास रखते हैं। जमीर उर्फ जमील का खाता फर्स्ट लेयर में लगा था, जबकि तालिब का खाता उन्होंने कमीशन पर ले रखा था।

एसपी सिटी ने बताया कि यह गिरोह पहले इन लोगों ने भोले-भाले लोगों को अपने तैयार किए अवैध एप से लिंक भेजता है। फिर उनसे वार्ता करके उन्हें कम निवेश कर बड़े मुनाफे का झांसा देकर एप का सदस्य बनाया जाता है। सभी सदस्य अलग-अलग खातों में निवेश कराते हैं। निवेश की गई रकम धोखाधड़ी से अन्य खातों में ट्रांसफर करते हैं। अधिक पैसा आने पर मूल एकाउंट को बंद कर देते हैं। इस प्रकरण में मेडिकल थाने में धोखाधड़ी और संगठित अपराध की धारा में रिपोर्ट दर्ज की गई है।