मेरठ : सर्दी के पहले दिन पड़े कोहरे के कारण दौराला थानाक्षेत्र में बस रजबहे में पलट गई। बस में सवार 38 लोगों की सांसें अटक गईं। गनीमत रही कि लोग सुरक्षित बच गए। हालांकि कई बराती घायल हुए हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

मौसम में बदलाव के चलते सर्दी के पहले दिन पड़े कोहरे के कारण दौराला थानाक्षेत्र में बस हादसे का शिकार हो गई। यहां गंगा त्रयोदशी के दिन दिल्ली-दून हाईवे को जोड़ने वाले गंगानगर रजबहा मार्ग पर बुधवार सुबह बरातियों से भरी एक बस रजवाहे में पलट गई। चालक बागपत के दत्तनगर से बरात लेकर वापस लौट रहा था।

हादसे के दौरान सवारियों में चीख-पुकार मच गई। राहगीरों ने बस के आगे और पीछे के शीशे उखाड़कर सवारियों को बाहर निकालते हुए पुलिस को सूचना दी। चालक बस छोड़कर मौके से फरार हो गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने टोल एंबुलेंस और पुलिस वाहन से घायलों को मोदीपुरम के अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस ने मामूली रूप से घायल बरातियों को दूसरी बस में बैठाकर भिजवाया।

रुड़की के दौलतपुर गांव निवासी अरूणगिरी अपने बेटे लोकेश गिरी की बरात लेकर मंगलवार सायं बागपत के दत्तनगर गया था। बारात की रस्म अदायगी के बाद बुधवार सुबह बारात लेकर एक बस वापस लौट रही थी। इस दौरान बस चालक ने सिवाया टोल प्लाजा पर लगने वाले शुल्क 395 रुपये बचाने के लालच में बस को सिवाया गांव से गंगानगर रजवाहा पटरी से निकाल दिया।

हाईवे के नजदीक पहुंचने पर कोहरे के चलते चालक अपना नियंत्रण खो बैठा। अनियंत्रित बस रजवाहे में पलट गई। हादसे के चलते बस में सवार 38 बरातियों में चीख पुकार मच गई। राहगीरों ने बस के आगे और पीछे के शीशे तोड़कर बस में सवार बरातियों को बाहर निकालते हुए पुलिस को सूचना दी।

मौके पर पहुंची पुलिस ने हादसे में घायल बारातियों दौलतपुर निवासी सोमवती, सोनूगिरी, विभोर, नितिन गिरी, सोनिका, हरिद्वार के खानपुर निवासी आकाश गिरी, अनिता गिरी, हरिद्वार के तुगलकपुर निवासी अर्जुन, अजयगिरी, देवीगिरी, अनमोल गिरी, मनोज गिरी, राधिका, वंश, जितेंद्र आदि को मोदीपुरम के फ्यूचर प्लस अस्पताल में भर्ती कराया।

हादसे में मामूली रूप से घायल दर्जनों बरातियों को रुड़की से पहुंची दूसरी बस में बैठाकर रवाना किया। चालक के 110 रुपये का टोल शुल्क बचाने के चलते हादसा हुआ। गमीनत रही की रजबहा सफाई के चलते सूखा हुआ था। रजवाहे में गंगा का पानी चालू होता तो बड़ा हादसा हो जाता और बस में सवार लगभग 38 बारातियो में से कई लोगों की जान चली जाती।