लखनऊ. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों से पहले टिकट दिलाने के नाम पर ठगी होने का मामला सामने आया है. दरअसल, कुछ लोगों ने बहुजन समाज पार्टी के नेता और व्यापारी फरीद खान को पार्टी का टिकट दिलाने के नाम पर 30 लाख रुपये ठग लिए. इतना ही नहीं, जालसाजों ने एक लेटरहैड पर ये भी लिखकर दे दिया कि अगर पार्टी से टिकट नहीं मिली तो उनका पैसा वापस कर दिया जाएगा.
पीड़ित फरीद खान ने बताया कि दो हफ्ते पहले सिरथू विधानसभा अध्यक्ष नन्हे पासी ने उनके रिश्तेदार शोएब को फोन किया था और कहा था कि इस बार फरीद खान का टिकट पक्का है. उनके पास कथित तौर पर बीएसपी अध्यक्ष मायावती के कार्यालय से भास्कर नाम के व्यक्ति का फोन आया था. नन्हे पासी ने शोएब से कहा कि फरीद खान तुरंत भास्कर से संपर्क कर लें, नहीं तो देर हो जाएगी.
इसके बाद 21 नवंबर को फरीद ने भास्कर को फोन किया. भास्कर ने फरीद से कहा कि टिकट का रेट 2.5 से 3 करोड़ रुपये चल रहा है, लेकिन पिछली बार आपके साथ धोखा हुआ था, इसलिए 70 लाख दे दीजिए. हालांकि, इतने पैसे नहीं हो पाने के कारण 30 लाख में डील हुई.
24 नवंबर को फरीद खान पैसा लेकर लखनऊ गए और शाम 5 बजे मायावती के घर के बाहर पहुंचकर भास्कर को फोन किया. भास्कर ने कहा कि बहनजी से मिलने का समय 6 बजे के बाद का तय हुआ है. भास्कर ने भरोसा जीतने के लिए कहा कि आपके साथ पिछली बार धोखा हुआ था, ये बात बहनजी जानती हैं, इसलिए वो इस बार आपके क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा रैलियां करेंगी. भास्कर ने फरीद से कहा कि वो जल्दी से आशियाना स्थित मंडल कार्यालय जाएं और वहां रकम देकर लेटरहैड ले लें क्योंकि 6 बजे के बाद मायावती से भी मिलने जाना है.
इसके बाद फरीद तुरंत मंडल कार्यालय पहुंचा और फिर भास्कर को फोन लगाया. भास्कर ने कहा कि वहां सुरेंद्र नाम के शख्स को पैसा दें और लेटरहैड पर लिखवा लें. फरीद ने सुरेंद्र को पैसे दिए और लेटरहैड पर लिखकर भी दिया कि फरीद खान सिरथू विधानसभा से प्रत्याशी हैं, इसलिए उनसे बैनर, पोस्टर, रैली के खर्चे के लिए 30 लाख रुपये की सहयोग राशि ली जा रही है. लेटरहैड में ये भी लिखा कि अगर उन्हें टिकट नहीं मिलती है तो पैसा वापस कर दिया जाएगा.
भास्कर ने फरीद से कहा था कि वो पैसा देकर मायावती के आवास के गेट नंबर 9 के बाहर पहुंचे. मंडल कार्यालय में पैसे देने के बाद फरीद गेट नंबर 9 पर आया और भास्कर को फोन लगाया तो उसका फोन स्विच ऑफ बता रहा था. चिंता बढ़ी तो फरीद ने सुरक्षाकर्मियों से बात की और इंटरकॉम के जरिए अंदर के किसी व्यक्ति से बात की तब उसे पता चला कि उसके साथ ठगी हुई है.
इसके बाद फरीद तुरंत मंडल कार्यालय पहुंचा जहां उन्हें सुरेंद्र मिला. सुरेंद्र ने बताया कि जिन लोगों ने लेटर लिखने को कहा था वो लोग रकम लेकर चले गए हैं. इसके बाद वहां पार्टी के दो और स्थानीय नेता भी पहुंच गए. उन्होंने फरीद से कहा कि पार्टी की बदनामी होगी. उन्होंने भरोसा दिलाया कि वो एक हफ्ते में उसका पैसा दिलवा देंगे.
लेकिन जब एक हफ्ते बाद भी पैसा वापस नहीं मिला तो फरीद ने केस दर्ज कराया. फरीद की शिकायत पर पुलिस ने सिरथू विधानसभा अध्यक्ष नन्हे पासी, भास्कर और सुरेंद्र पर आईपीसी की धारा 420 और 406 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया. फरीद खान 2012 में कांग्रेस के टिकट पर सिरथू से चुनाव लड़ चुके हैं.