संभल। संभल की जामा मस्जिद सर्वे के दौरान 24 नवंबर को हुए उपद्रव में कम पढ़े लिखे युवाओं के साथ ज्यादा पढ़े लिखे युवा भी थे। इसकी जानकारी पुलिस को मिली है, जो पढ़े लिखे युवा उपद्रव में शामिल थे। उनमें से ज्यादातर का ठिकाना दिल्ली का बटला हाउस बना हुआ है। बटला हाउस से संभल निवासी अदनान को 23 दिसंबर को पुलिस गिरफ्तार कर लाई थी। अन्य कई आरोपियों के बटला हाउस में होने की सूचना थी। हालांकि, पुलिस को एक ही आरोपी मिला था

संभल में बवाल के दौरान कार में लगी आग से बचकर भागते पुलिसकर्मी – फोटो : अमर उजाला
संभल में 24 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुए बवाल की जांच एसआईटी एएसपी अनुकृति शर्मा के नेतृत्व में कर रही है। एसआईटी को कई ऐसे प्रमाण मिले हैं, जिसमें यह स्पष्ट हो गया है कि उपद्रवियों में दिल्ली में रहकर पढ़ाई करने वाले युवा भी शामिल थे, जो उपद्रव के बाद बटला हाउस में जाकर रह रहे है। हालांकि, पुलिस टीम बटला हाउस पहुंची तो उपद्रवियों ने ठिकाना बदल दिया।

एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि कैमरे और मोबाइल से बनी वीडियो और फोटो से उपद्रवियों के चेहरे निकाले हैं। जिसमें 91 उपद्रवी ऐसे हैं, जिनकी पहचान है, लेकिन वह घर छोड़कर भागे हुए हैं। बताया कि जो उपद्रवी भागे हुए हैं उनमें से ज्यादातर दिल्ली में होने की सूचना है। टीम तलाश में जुटी है।

आईएसआई और दाऊद इब्राहिम गिरोह से जुड़े शारिक साटा पर बवाल की साजिश का शक
एसआईटी की छानबीन में वाहन चोर शारिक साटा आ गया है, जो आईएसआई और दाऊद इब्राहिम की गिरोह के लिए काम करता है। पुलिस को शक है कि बवाल में जो विदेशी कारतूस मिले हैं वह शारिक साटा द्वारा ही भेजे गए हैं। बवाल की साजिश रचने का शक भी पुलिस को शारिक साटा पर है। शारिक साटा गिरोह के दो सदस्य दिल्ली में वर्ष 2021 के दौरान पाकिस्तान से आए नकली नोटों के साथ गिरफ्तार हो चुके हैं उन्हीं सदस्यों ने आईएसआई और दाऊद इब्राहिम गिरोह के साथ शारिक साटा के जुड़ने की जानकारी दी थी।

इन्हीं जानकारी के आधार पर पुलिस को शक है कि जो कारतूस 9 एमएम बोर के बवाल में इस्तेमाल किए हैं वह पाकिस्तान निर्मित थे। मुमकिन है कि वह शारिक साटा द्वारा ही संभल भेजे गए। इसी क्रम में पुलिस की छानबीन जारी है। एसपी का कहना है कि जांच चल रही है। शारिक साटा आईएसआई से जुड़ा है और दाऊद इब्राहिम गिरोह के लिए काम तो करता है। बवाल में उसकी क्या भूमिका रही है। इसकी जांच की जा रही है।

24 नवंबर को जामा मस्जिद के पास बवाल हुआ था। इसके अलावा नखासा तिराहा और हिंदूपुरा खेड़ा में पुलिस पर पत्थरबाजी और गोली चलाई थी। इसमें एसपी को भी निशाना बनाया गया था, लेकिन गनीमत यह रही थी कि फायरिंग में एसपी बच गए थे। एसपी ने यह बात एफएसएल टीम को बताई थी। पुलिस ने तीन स्थानों पर हुए बवाल में सात एफआईआर दर्ज की थीं। जिसमें पांच एफआईआर संभल कोतवाली और दो एफआईआर नखासा थाने में दर्ज की गई थीं। इसमें तीन महिला समेत 51 उपद्रवी जेल भेजे जा चुके हैं। 2750 से ज्यादा आरोपी हैं। एसपी का कहना है कि जो भी उपद्रव में शामिल था उसकी गिरफ्तारी होनी है। जो निर्दोष है उसको परेशान कोई नहीं कर सकता।