संभल। संभल से सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क को मकान के अवैध निर्माण मामले में तीसरा नोटिस जारी कर दिया गया है। सात दिन का समय इस अंतिम नोटिस में दिया गया है। यदि इस अवधि में सांसद अपना पक्ष नहीं रखते हैं, तो उनकी मुश्किल बढ़ सकती है।

जुर्माना लगने के साथ ही बिना अनुमति किए गए निर्माण को भी प्रशासन गिरा सकता है। वहीं, दूसरी ओर बिजली चोरी के मामले में लगाए गए 1.91 करोड़ रुपये के जुर्माना मामले में बिजली विभाग ने नोटिस जारी किया था। जिसकी अवधि चार जनवरी को पूरी हो रही है। इस अवधि के पूरा होने तक जवाब नहीं दिया तो रिमाइंडर दिया जाएगा। रिमाइंडर का जवाब देना जरूरी होगा। यदि जवाब नहीं देते हैं तो जो जुर्माना लगाया गया है उसी के अनुसार वसूली की कार्रवाई आगे बढ़ेगी।

नियत प्राधिकारी/एसडीएम विनियमित क्षेत्र संभल की ओर से सांसद जियाउर्रहमान बर्क को बिना अनुमति निर्माण करने पर जो नोटिस जारी किया गया है। उसमें कहा गया है कि दीपा सराय में जो मकान का निर्माण कार्य चल रहा है उसका नक्शा पास नहीं कराया गया है।

यह उत्तर प्रदेश रेगुलेशन ऑफ बिल्डिंग ऑपरेशन एक्ट 1958 का उल्लंघन है। यदि अंतिम नोटिस्का जवाब नहीं दिया जाता है तो कार्रवाई की जाएगी। वहीं, दूसरी ओर सांसद जियाउर्रहमान बर्क का कहना है कि वह दूसरे ही नोटिस का जवाब दाखिल करा चुके हैं। अब तीसरा नोटिस न उन्हें मिला है और न जारी होना चाहिए।

दूसरा नोटिस मिलने पर हमने अपना जवाब दाखिल करा दिया था। अब तीसरे नोटिस के जारी होने की जानकारी नहीं है। और तीसरा नोटिस जारी होने का मतलब भी क्या है जब जवाब दे चुके हैं। – जियाउर्रहमान बर्क, सांसद, संभल

बवाल की मजिस्ट्रीयल जांच में आम आदमी या अधिकारियों का बयान दर्ज नहीं हुआ है। इस मजिस्ट्रीयल जांच में अधिकारियों के बयान 30 दिसंबर को दर्ज होने थे, लेकिन किसी अधिकारी ने अपना बयान दर्ज नहीं कराया। अब अगली तारीख बृहस्पतिवार को तय की जाएगी।

बहजोई स्थित कलेक्ट्रेट में डिप्टी कलक्टर के कार्यालय में बयान दर्ज किए जाने हैं। इसके लिए अलग-अलग तिथि पर चार नोटिस अधिकारियों को भेजे जा चुके हैं। मालूम हो 24 नवंबर को जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुए बवाल में आगजनी, तोड़फोड़ के साथ पथराव और फायरिंग की गई थी।

इसमें पांच आम लोगों की जान गई थी और 29 पुलिसकर्मी चोटिल हो गए थे। इस बवाल की मजिस्ट्रीयल जांच के लिए डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने डिप्टी कलक्टर दीपक कुमार चौधरी को नामित किया है। इस जांच को सात दिन में पूरा करना था लेकिन यह जांच अभी लंबित है।