लखनऊ। यूपी में गोरखपुर-शामली हाईवे जल्द ही आकार लेते हुए दिखेगा। इसके लिए प्रारंभिक योजना तैयार कर ली गई है। नया हाईवे लखनऊ, सीतापुर व बरेली के उत्तर से होकर गुजरेगा। इसकी कुल अनुमानित लंबाई 700 किमी होगी। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) शीघ्र ही सीमांकन का काम प्रारंभ करेगा।
ये हाईवे प्रदेश के 15 जिलों से होकर गुजरेगा। इनमें से कई जिले विकास के लिहाज से अपेक्षाकृत पिछड़े माने जाते हैं। हाईवे के बनने से जहां आम लोगों को आवागमन की सुविधा होगी, वहीं व्यापार भी फलेगा-फूलेगा। इससे नेपाल सीमा की निगरानी भी आसान होगी।
एनएचएआई सूत्रों के मुताबिक, यह हाईवे गोरखपुर से प्रारंभ होगा। महरागंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर और श्रावस्ती होते हुए बहराइच तक आएगा। उसके बाद लखनऊ और सीतापुर के उत्तर से होते हुए लखीमपुर जिले के मध्य से गुजरेगा। इसी तरह से पीलीभीत होते हुए बरेली और मुरादाबाद के उत्तर से गुजरेगा। उसके बाद बिजनौर व मेरठ होते हुए शामली को जोड़ेगा।
एनएचएआई सूत्रों का कहना है कि सीमांकन के बाद जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जमीन की व्यवस्था होने पर निर्माण कार्य पूरा करने में करीब तीन साल का समय लगेगा। यहां बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के बीच इस परियोजना को लेकर विचार-विमर्श हो चुका है।
यह प्रोजेक्ट एनएचएआई की प्राथमिकता में शामिल है। इसके निर्माण का ठेका कई पैकेज में दिया जाएगा, ताकि काम को सुगमता से पूरा करने में कोई बाधा न आए। प्रोजेक्ट पूरा होने पर व्यापार भी बढ़ेगा।