मेरठ।  कमालपुर के सुहेल को नहीं पता था कि अपना शौक पूरा करने के लिए वह जिस मांझे को खरीदने शहर में आया है, वो मांझा ही उसकी मौत का कारण बनेगा। मांझे की चपेट में आकर गर्दन कटने से सुहेल और नवाजिश बाइक समेत सड़क पर गिरे। राहगीर दौड़ कर उनके पास पहुंचे। जब राहगीरों ने सुहेल की कटी हुई गर्दन और बहता हुआ खून देखा तो उनका कलेजा कांप गया। कुछ लोग यह मंजर देख नहीं सके और वहां से अलग हो गए। लोगों ने पुलिस को सूचना दी और दोनों को उठाकर मेडिकल कॉलेज पहुंचाया। तब तक गर्दन से काफी खून बहने से सुहेल दम तोड़ चुका था।

राहगीरों के अनुसार जिस समय युवकों के साथ यह हादसा हुआ, उसी समय एक पतंग सड़क खड़े आम के पेड़ पर आकर गिरी थी। उसका मांझा सड़क के दूसरी ओर नीम के पेड़ पर लटका था। दोनों पेड़ों के बीच में जानलेवा मांझा था, तभी दोनों युवक बाइक लेकर आए और मांजे की चपेट में आकर सुहेल की गर्दन कट गई।

शास्त्रीनगर में ऊर्जा राज्यमंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर के आवास के पास सोमवार शाम यह हादसा हुआ। सुहेल और नवाजिश बाइक से लिसाड़ी गेट से शास्त्रीनगर एल ब्लॉक से होकर पीवीएस मॉल रोड से तेजगढ़ी चौराहे की ओर आ रहे थे। राज्यमंत्री के आवास के पास ही अचानक चीनी मांझा आने से सुहेल कुछ समझ नहीं पाया। मांझे ने गर्दन को गहरे तक काट दिया। गला कटते ही सुहेल के हाथ से बाइक का हैंडिल छूट गया। बाइक सड़क पर गिर गई। पीछे बैठा नवाजिश भी घायल हो गया। सुहेल के गले से खून बह रहा था। शुरुआत में तो किसी की समझ में ही नहीं आया कि ये क्या हुआ है। सुहेल के पास जाकर देखा तो उसका गला कटा हुआ था। गले में मांझा लिपटा हुआ था।

शास्त्रीनगर से तेजगढ़ी की ओर जिस एबी कट पर यह हादसा हुआ, वहां पर नाले का पुल होने के कारण सड़क पर काफी ढलान है। बाइक की गति ढलान पर ओर तेज हो गई। तभी सुहेल की गर्दन में मांझा फंसा और झटके से गर्दन कट गई। नवाजिश का कहना है कि सबकुछ चंद सेकेंड में हो गया।

सुहेल की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। उसके पिता जान मोहम्मद का कहना है कि सुहेल को पत्थर काटने की मशीन ठीक कराने के लिए शहर भेजा था। वह उनके आने का इंतजार कर रहा था, मगर मौत की खबर आई।

सुहेल अपने पिता के साथ परिवार की जिम्मेदारी निभा रहा था। पिता जान मोहम्मद मजदूरी करते हैं। सुहेल भी पढ़ाई छोड़ कर पिता के साथ ही मजदूरी करता था। वह पिता के साथ मिल कर परिवार की जिम्मेदारी उठा रहा था। पांच भाई बहनों में सुहेल दूसरे नंबर का था। उसकी मौत से बड़े भाई गुड्डू, छोटे भाई शाहिद, छोटा और बहन कहकशा का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजन मेडिकल कॉलेज पहुंचे, जहां सुहेल का शव देखकर उससे लिपट गए। उन्हें देख वहां हर आंख नम हो गई।

प्रतिबंध चीनी मांझे के खिलाफ अभियान चलाने के लिए डीएम ने निर्देश जारी कर दिया। डीएम दीपक मीणा का कहना है कि शहर में कई जगह चीनी माझा बिकने की शिकायत आ रही है। पुलिस द्वारा बड़ा अभियान चलाया जाएगा, साथ में मजिस्ट्रेट की भी ड्यूटी निर्धारित की गई है।