कन्नौज।  रेलवे स्टेशन पर हुए हादसे ने इत्र और इतिहास की नगरी को हिलाकर रख दिया। हादसे की हकीकत बताते हुए घायल ने कहा कि शटरिंग टूटने के बाद वह लोग आगे भाग रहे थे और पीछे से लिंटर गिर रहा था। कुछ ही देर में आधा लिंटर गिर गया और उसमें फंसकर 25 मजदूर घायल हो गए। ग्राम चौरा चांद निवासी मजदूर कमलेश ने बताया कि उसके गांव के 15 मजदूर लिंटर डालने के लिए आए थे। प्लेटफार्म नंबर एक की ओर तीसरे पिलर के पास की शटरिंग टूटने से लिंटर गिरा। जब तक संभालने का प्रयास किया, आगे की शटरिंग टूटने लगी और आधा लिंटर गिर गया।

लिंटर गिरने पर वह लोग बाहर भागने लगे और पीछे से लिंटर गिर रहा था। हादसे की जानकारी देते हुए घायल मजदूर बेहोश हो गया। वहीं, मजदूर पन्नालाल एक साथी को खोजता नजर आया। पन्नालाल का कहना था कि उसका एक साथी पहले पिलर के पास दबा हुआ है। उसने अपने गांव के एक व्यक्ति और सिपाही के साथ वहां पर जाकर देखा, लेकिन मलबे में कोई नजर नहीं आया।

नगर पालिका के सफाई कर्मियों, मजदूरों, बचाव टीम के साथ ही आम लोगों ने भी मलबा हटाने में मदद की। काफी देर तक कई लोग मलबा हटवाने में लगे रहे।

एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और पुलिस वाहनों के चलते जीटी रोड से स्टेशन जाने वाले मार्ग पर जाम लग गया। ऐसे में जीटी रोड से गुजरने वाले वाहन जाम में फंस गए। काफी देर तक जीटी रोड पर जाम लगी रही। राहगीरों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा।

अमृत भारत योजना के तहत कन्नौज रेलवे स्टेशन पर किए जा रहे निर्माणकार्य के दौरान भीषण हादसा हो गया। शनिवार दोपहर करीब 2:20 बजे शटरिंग टूटने से 150 फीट लंबा लिंटर ढह गया। हादसे में 40 से अधिक मजदूर दब गए। देर शाम तक मलबे से 26 मजदूरों बाहर निकालकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। सात गंभीर घायलों में तीन को केजीएमयू लखनऊ रेफर किया गया है। लिंटर गिरते ही ठेकेदार मौके से फरार हो गया। मलबे में करीब 14 से अधिक मजदूरों के दबे होने की आशंका है। एनडीआरएफ की टीम राहत एवं बचाव कार्य में जुटी है।

अमृत भारत योजना के तहत 13.50 करोड़ रुपये से स्टेशन पर प्रथम चरण में यात्री प्रतीक्षालय, बुकिंग हाल व शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए कंक्रीट का 40 फीट ऊंचा ढांचा तैयार किया गया। इसी ढांचे पर 7500 वर्ग फीट में लिंटर डाला जा रहा था। निर्माण कार्य देवरिया की आशुतोष इंटरप्राइजेज कंपनी कर रही है। हादसे के वक्त ठेकेदार रामविलास रॉय मौजूद था, लेकिन मौका देखकर वह भाग निकला। आरपीएफ उसकी तलाश में जुटी है। मजदूरों ने बताया कि पिछले तीन दिन से स्टेशन के भवन पर लिंटर डालने का काम चल रहा था।

शनिवार दोपहर शटरिंग टूटने से हादसा हो गया। देर शाम रेलवे ने दुर्घटना सहायता स्पेशल ट्रेन को भेजा। कानपुर मंडलायुक्त के विजयेंद्र पांडयन, डीआईजी जोगिंदर कुमार भी मौके पर पहुंचे। देर शाम को पूर्वोत्तर रेलवे की डीआरएम वीणा सिन्हा रेलवे स्टेशन पर पहुंच गई और निरीक्षण किया। गंभीर घायलों को दो-दो लाख और मामूली घायल मजदूरों को 50- 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने बताया कि 20 मजदूरों को हल्की चोटें आई हैं। इनका इलाज किया जा रहा है। तीन गंभीर रूप से घायल हैं जिन्हें इलाज के लिए लखनऊ भेजा गया है। अभी कुछ और लोगों के फंसे होने की आशंका है।

रेल मंत्री, अश्विनी वैष्णव ने कहा हादसा दुर्भाग्यपूर्ण है। जांच के लिए चार सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति गठित की गई है। उधर, पूर्वोत्तर रेलवे के पीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया, जांच टीम में प्रमुख मुख्य इंजीनियर, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी/ आरएसपी, प्रमुख मुख्य संरक्षा अधिकारी एवं प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त शामिल हैं।

हादसे की जिम्मेदारी रेलवे की है। राहत और बचाव कार्य के लिए एसडीआरएफ व एनडीआरएफ को समय से सूचना दी, लेकिन रास्ते में काफी समय लग गया। तब तक नगर पालिका की टीम को लगाया गया। टीम के पास पर्याप्त संसाधन और उपकरण न होने की वजह से दिक्कत हुई। मामले की जांच प्रशासनिक स्तर से भी कराई जाएगी। -शुभ्रांत कुमार शुक्ल, डीएम