मेरठ। यूपी के मेरठ के भोला गांव की पूर्व प्रधान सोहनबीरी की हत्या उधार के 70 हजार रुपये चुकाने के लिए हरविंद्र मलिक ने बेटे अनुज के साथ मिलकर की थी। सोहनबीरी के तानों से क्षुब्ध होकर दामाद दीपक अपने भाई संदीप उर्फ टोनी के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची थी।
शुक्रवार सुबह कंकरखेड़ा पुलिस और स्वाट टीम के साथ मुठभेड़ में अनुज पैर में गोली लगने से घायल हो गया। पुलिस ने उसके पिता हरविंद्र और दीपक व संदीप को भी गिरफ्तार कर लिया। दीपक आरोपी हरविंद्र के रिश्ते का भांजा है।
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया जानी थाना इलाके के भोला गांव निवासी सोहनबीरी (50) नए साल पर रोहटा रोड स्थित नारायण गार्डन कॉलोनी में अपनी बेटी निशा के घर आई हुई थी। आठ जनवरी की दोपहर नकाबपोश दो आरोपियों ने गोली और चाकू मारकर सोहनबीरी की हत्या कर दी थी। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने दामाद दीपक सहित तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने बदमाशों की तलाश के लिए तीन टीमों का गठन किया था। शुक्रवार सुबह स्वाट टीम और थाना पुलिस सरधना फ्लाईओवर के पास चेकिंग कर रही थी। इसी बीच बाइक सवार एक संदिग्ध को पुलिस ने रुकने का इशारा किया। बाइक सवार ने पुलिस पर तमंचे से फायरिंग कर दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में बाइक सवार पैर में गोली लगने से घायल हो गया।
पुलिस पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम अनुज मलिक निवासी ग्राम भगवानपुर बांगर थाना किठौर बताया। उसने दीपक और संदीप की 70 हजार रुपये की उधारी चुकाने के लिए पिता हरविंद्र के साथ मिलकर सोहनबीरी की हत्या करना स्वीकार किया।
पुलिस पूछताछ में दीपक ने बताया कि उसकी सास उसे काफी समय से प्रताड़ित करती आ रही थी। अक्सर उसे ताने मारकर जलील करती थी। जेल भिजवाने की धमकी देती थी। इसकी वजह से उसका अपनी पत्नी से भी विवाद रहने लगा था। अपना घर छोड़कर उसे गाजियाबाद के पतला गांव में रहना पड़ रहा था। समझौते के सभी प्रयास भी विफल हो गए थे। दीपक और संदीप ने हरविंद्र को कहा था कि उधार लिए 70 हजार रुपये वापस करो या फिर सोहनबीरी की हत्या कर दो। रुपये न होने के कारण पिता-पुत्र हत्या करने को तैयार हो गए। पकड़े जाने पर मुकदमे का खर्च उठाने का आश्वासन भी दोनों भाइयों ने दिया था। सीसीटीवी फुटेज और मुखबिर तंत्र की सहायता से पुलिस आरोपियों तक पहुंची।
एसपी सिटी के मुताबिक अनुज ने बताया कि घटना से तीन दिन पूर्व उसकी भैंस बीमार हो गई थी। वह हापुड़ दवाई लेने गया था। जहां उसने अपने जैसी एक बाइक खड़ी देखी। इस बाइक का नंबर उसने नोट कर लिया था। हत्या से पहले उसने अपनी नंबर प्लेट को हटाकर फर्जी नंबर प्लेट बाइक पर लगा ली थी। हरविंद्र पर पूर्व में किठौर थाने में एक हत्या का मुकदमा दर्ज है। हरविंद्र ने ही घटना की पटकथा तैयार की थी। छह जनवरी को पिता-पुत्र हत्या करने के लिए पहुंचे थे।
पूछताछ में अनुज मलिक ने बताया कि हत्या से 20 दिन पूर्व वह बाइक पर सवार होकर दीपक के साथ रोहटा रोड पहुंचा था। यहां दीपक के साथ उसने मकान की रेकी की थी। दीपक ने अनुज को बताया था कि मकान में प्रथम तल पर किराएदार रहते हैं। पहली मंजिल पर निशा रहती है। इसके बाद दोनों ने पूरे दिन बाइक के चक्कर लगाकर घर के सदस्यों का बाहर निकलने का समय भी नोट किया था। 8 जनवरी की दोपहर किराएदार के घर से निकलने के बाद पिता-पुत्र ने घर में घुसकर वारदात को अंजाम दिया था।
सोहनबीरी के बेटे विक्रांत की तहरीर पर पुलिस ने दामाद दीपक, सौदान व आदर्श गुप्ता के खिलाफ हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने दीपक व सौदान को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया था। पूछताछ के बाद पुलिस ने सौदान को छोड़ दिया था।