मेरठ।  मेरठ में सूरजकुंड गंगा मोटर कमेटी द्वारा संचालित श्मशान घाट स्थित 31 नंबर प्लेटफार्म पर जलती चिता से गुरुवार को कुत्ते ने खोपड़ी निकाल ली। कुत्ता खोपड़ी को नोचता रहा लेकिन किसी ने भी उसे रोकने का प्रयास नहीं किया। एक दिन पहले भी चिता से कुत्ते के हड्डी निकालने का मामला सामने आया था। कमेटी के पदाधिकारियों ने केयर टेकर और महा ब्राह्मणों पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। इस मामले में शुक्रवार को बैठक बुलाई गई है।

सूरजकुंड श्मशान घाट की यह घटना गुरुवार दोपहर 3:40 बजे की है। दाह संस्कार के लिए आए लोग श्मशान घाट से जा चुके थे। महा ब्राह्मण अपने कमरों में बैठे थे और केयर टेकर भी श्मशान घाट में मौजूद नहीं थे।

बुधवार को भी कुत्ते के जलती चिता से हड्डी निकालने का वीडियो क्लिप वायरल हुआ था। इसके बाद भी गंगा मोटर कमेटी, केयर टेकर और महा ब्राह्मण सक्रिय कुत्ते को रोकने का प्रयास नहीं किया। केयर टेकर और गंगा मोटर कमेटी के पदाधिकारी एक दूसरे पर आरोप लगाते रहे। प्रशासनिक अधिकारियों ने भी सुध नहीं ली।

जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण गुरुवार को कुत्ते ने श्मशान घाट में 31 नंबर प्लेटफार्म पर जल रही चिता से खोपड़ी निकाल ली। गर्म होने के कारण कुत्ते ने पहले खोपड़ी को प्लेटफार्म के पास छोड़ दिया। कुछ मिनटों के बाद कुत्ता चिता से निकाली खोपड़ी लेकर गुम हो गया।

गंगा मोटर कमेटी के कोषाध्यक्ष अनिल मित्तल ने कहा कि शुक्रवार को बैठक बुलाकर इस संबंध में केयर टेकर और महा ब्राह्मणों से बातचीत की जाएगी। इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारियों को भी अवगत कराया जाएगा। केयर टेकर चरण ने बताया कि वह बाजार आया हुआ है, मामले की कोई जानकारी नहीं है। कुत्ते श्मशान घाट में मिठाई खाते हैं।

कोषाध्यक्ष अनिल मित्तल ने आरोप लगाया कि अंतिम संस्कार के बाद एकत्रित की गई संपूर्ण धनराशि को श्मशान घाट में तैनात केयर टेकर की देखरेख में महा ब्राह्मणों की टीम बांट लेती है। नियमित सफाई नहीं होती है। कुत्ते शवों से अस्थियां निकालकर लेकर जा रहे हैं। कई बार कहने के बाद भी केयर टेकर ने श्मशान घाट से कुत्तों के झुंड को नहीं भगाया गया।

कोषाध्यक्ष ने बताया कि केयर टेकर और महाब्राह्मण कमेटी को हस्तक्षेप नहीं करने देती है। कुछ समय पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों ने समझौता कराया लेकिन पुन: अवैध वसूली का कार्य शुरू हो गया है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से भी इस संबंध में शिकायत की जा चुकी है।

कमेटी के महामंत्री सतीश चंद्र जैन ने बताया कि गंगा मोटर कमेटी का गठन हुए 115 वर्ष बीत चुके हैं। कमेटी रोडवेज पर अंतिम संस्कार का सामान और बस सेवा नियंत्रित मूल्य पर उपलब्ध कराती है। श्मशान घाट पर भी टूट फूट और निर्माण आदि कार्यों में कमेटी अपनी तरफ से पैसा खर्च करती है। बैंक एफडी और किराए से यह पैसा प्राप्त होता है। श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार कराने के लिए 700 रुपये और 100 रुपये सफाई के लिए निर्धारित किया गया है। 3 हजार से 5 हजार वसूले जाते हैं। इसके बाद भी केयर टेकर के द्वारा सफाई व्यवस्था नहीं की जा रही है।

सूरजकुंड श्मशान घाट में पूर्व में भी अधजले शवों के कुत्तों के झुंड द्वारा नोचने का मामले सामने आ चुके हैं। कमेटी ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की। जिसके बाद दिन और रात में शवों की देखरख के लिए ड्यूटी लगाई गई। कुछ दिनों के बाद फिर वहीं स्थिति शुरू हो गई।