ये वो कुछ उत्पाद हैं जो कोलंबिया के काउका क्षेत्र के कोको के पत्ते से आए हैं, ये स्वदेशी जनजाति नासा का घर है जिन्होंने इस पौधे के लिए ऐतिहासिक रूप से बहुत बदनामी का सामना भी किया है.

न केवल नासा लोगों के लिए दक्षिण अमेरिका के अमेज़न और इन्का लोगों के लिए भी कोकीन उत्पादन के पूर्वाग्रहों को तोड़ना आसान नहीं रहा. सही मायने में ये एक ऐसा संघर्ष है जो औपनिवेशिक काल में शुरू हुआ और आज भी बदस्तूर जारी है.

लेकिन एक स्वदेशी कंपनी इस लड़ाई को एक नया आयाम देना चाहती थी- कमर्शियल. यानी व्यापार या बिजनेस की दुनिया में.

कोको नासा के संस्थापक फैबियोला पिनाक्वे कहते हैं, अब इसकी अनदेखी असंभव है. हमने उस सांस्कृतिक संवेदनशीलता को छुआ, क्योंकि इसके पत्ते हम अपनी ख़ून में लेते हैं.

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कोको पत्तों का यहां कोकीन के अलावा पारंपरिक तौर पर कई तरह से इस्तेमाल होता है. इन पत्तों का दर्दनिवारक के तौर पर इस्तेमाल होता है और इनकी पत्तियों को चबाने से एनर्जी मिलती है और यह भूख, प्यास और दर्द को कम करता है.

बहुराष्ट्रीय कंपनी कोका कोला ने इस छोटे से व्यवसाय को क़ानूनी कार्रवाई की धमकी दी है. बहुराष्ट्रीय कंपनी का कहना है कि उस छोटी कंपनी को अपने कोका पोला बियर का नाम बदलना होगा. कोका नासा कंपनी कोका के पत्तों से खाद्य पदार्थ, पारंपरिक दवाइयां, ड्रिंक्स और अन्य उत्पाद बनाती है.

कंपनी का कहना है कि उनके ड्रिंक का नाम ‘पोला’ पर रखा गया है जो कोलंबिया में भालू को कहते हैं और ‘कोका’ उस पौधे को संक्षेप में कहा जाता है जिसे इस्तेमाल कोकीन बनाने में भी किया जाता है.

कंपनी के वकील डेविड कर्टिडोर कहते हैं, “उन्होंने हमें कोका के पत्ते से जुड़े ट्रेडमार्क के इस्तेमाल को बंद करने को कहा है. लेकिन इसे मानना मुश्किल है क्योंकि कोका पत्ता यहां के स्वदेशी लोगों की विरासत है.”

वे कहते हैं, “ये न केवल आध्यामित तौर पर बल्कि आर्थिक रूप से भी एक विवाद का विषय है. पहले इसे स्पेनिश साम्राज्य ने प्रतिबंधित किया और अब कोका कोला साम्राज्य यह करना चाहता है.”

के दशक के अंत में तब आया जब पिनाक्वे बगोटा कॉलेज में थे.
वे कहते हैं, “मुझे कोका के पत्ते से सोडा बनाना दिलचस्प लगा.”
उन्होंने इस पर पहल कुछ वर्षों पहले ही की थी. कोका सेक, एनर्जी ड्रिंक से 2005 में शुरुआत हुई.
वे कहते हैं, “ग़ैर स्वदेशी लोगों के सामने एक बेहतरीन ड्रिंक बनाना बेहद महत्वपूर्ण था.”
फ़िर वालिंडे ब्रांडी, कोका लिब्रे, कोको रॉन लिकर और अंत में कोका पोला बियर आई.
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पिनाक्वे कहते हैं, “हम बियर पीना पसंद करते हैं और हमने इस ड्रिंक की क्षमता देख रखी है, तो हमने समझा कि हमें एक तरह के बियर का उत्पादन शुरू कर देना चाहिए. हमने टेस्ट किए और फिर तब तक इस पर लगे रहे जब तक कि हमने इसे हासिल नहीं कर लिया. हम इसकी क्वालिटी को सुधारने और इसके स्वाद को और बेहतर बनाने पर 25 सालों से काम कर रहे हैं.”

कोका पोला बियर अभी तक बड़े पैमाने पर नहीं बेचा गया है क्योंकि इसे 100 फ़ीसद पारंपरिक तरीक़े से ही बनाया जा रहा है. कोका नासा में केवल 15 कर्मचारी काम करते हैं.

इसे बनाने वाले कहते हैं कि कोका कोला के साथ इस विवाद ने कोलंबिया में इसकी पहचान को एक नया आयाम दे रही है.

वे कहते हैं, “ऐसा लगता है कि कोका कोला के मालिकों को इसने परेशान किया है. वे कहते हैं कि हमने ये चुराया है जबकि हम ऐसा नहीं मानते क्योंकि कोका पत्ते हम लोगों का है, हमें ये विरासत में मिले हैं.”

“हमने इसे इस तरह से लॉन्च भी नहीं किया था, जबकि कोका कोला ये कर रही है और वो ये संकेत दे रही है कि हम नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकते.”

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कोका कोला और कोका पोला के नाम में समानता है. कोका-कोला कंपनी में उत्पादन 1886 में शुरू हुआ था. कोका-कोला की वेबसाइट के मुताबिक़, एक दोपहर फार्मिस्ट जॉन पेम्बर्टन ने अपनी लैब में एक तरल पदार्थ तैयार किया. इस पदार्थ को वो जैकब फार्मेसी के बाहर लेकर आए.

इस पदार्थ में सोडे वाला पानी मिला हुआ था. जॉन पेम्बर्टन ने वहां खड़े कुछ लोगों को इसे चखवाया. सबने इस नई ड्रिंक को पसंद किया. इस ड्रिंक के एक गिलास को पांच सेंट की दर से बेचना तय हुआ.

पेम्बर्टन के बही-खाते का हिसाब रखने वाले फ्रैंक रॉबिनसन ने इस मिक्सचर को कोका-कोला नाम दिया. तब से लेकर आज तक ये 132 साल पुराना मिक्सचर कोका-कोला के नाम से ही जाना जाता है. रॉबिनसन का मानना था कि नाम में दो ‘C’ होने से कंपनी को फायदा होगा.

कोका-कोला बनने के पहले साल में रोज़़ इसके सिर्फ़ नौ गिलास ही बिक पाते थे. लेकिन आज दुनिया भर में कोका-कोला की क़रीब दो अरब से भी अधिक बोतलें रोज़ बिकती हैं.

अब बगोटा में कोका कोला का प्रतिनिधित्व करने वाले एक लॉ फर्म ब्रिगार्ड कास्त्रो ने स्थानीय कंपनी के उत्पादों के ख़िलाफ़ क़ानूनी चुनौती दी है.

पिनाक्वे ने ट्वीटर के ज़रिए उस पत्र को साझा किया जिसमें लिखा गया है कि “स्वदेशी कंपनी कोका पोला या ऐसे किसी नाम का उपयोग करना स्थायी रूप से बंद करे जो बहुराष्ट्रीय कंपनी के ट्रेडमार्क उत्पादों से मेल खाता हो और भ्रमित करता हो.”

26 नवंबर को भेजे गए लीगल लेटर में चेतावनी दी गई है कि इसका इस्तेमाल ‘कोलंबिया के ट्रेडमार्क क़ानून’ और ‘अनुचित प्रतिस्पर्धा क़ानून’ का उल्लंघन माना जा सकता है. इस पर जवाब देने के लिए 10 दिनों का समय दिया गया है.

बीबीसी मुंडो ने ब्रिगार्ड कास्त्रो से इस पर बात करने की कोशिश की लेकिन उनकी ओर से इसकी अब तक कोई अनुमति नहीं मिली है.

कर्टिडोर बताते हैं कि कोका नासा पर कोका कोला की ओर से दूसरी बार नोटिस मिला है. 2007 में कोका सेक के लॉन्च के बाद भी उनकी ओर से ऐसा ही एक लीगल नोटिस मिला था जिसे बाद में प्रशासन ने ख़ारिज कर दिया था.

उन्होंने बीबीसी मुंडो से कहा, “14 दिसंबर यानी आज से तीन दिन पहले नोटिस के 10 दिन पूरे हो गए हैं. उन्होंने हम पर क़ानूनी कार्रवाई की धमकी दी थी और हम मुक़दमा शुरू होने का इंतज़ार कर रहे हैं क्योंकि हम उनकी दी गई धमकी को नहीं मानने जा रहे.”

“वकीलों, यूनिवर्सिटी समे कई समूहों ने हमें कोका कोला के ख़िलाफ़ इस मुक़दमें में हमें क़ानूनी समर्थन देने की पेशकश की है.”

कोका नासा को इस बात पर यकीन है कि उन्हें “कोका” नाम हटाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता क्योंकि कोलंबिया के एक संवैधानिक कोर्ट ने इस शब्द के इस्तेमाल के लिए यहां के स्वदेशी लोगों को अनुमति और सुरक्षा प्रदान की थी.